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प्रभावितों की सुध न ली तो थाली पीटो आंदोलन

किलोड़ वार्ड के जिला परिषद सदस्य ने कहा कि विधानसभा क्षेत्र भरमौर के तहत होली बजोली जल विद्युत परियोजना से प्रभावित पांच परिवारों की सुध नहीं ली तो थाली पीटो आंदोलन किया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Jan 2022 10:00 PM (IST)Updated: Tue, 18 Jan 2022 10:00 PM (IST)
प्रभावितों की सुध न ली तो थाली पीटो आंदोलन
प्रभावितों की सुध न ली तो थाली पीटो आंदोलन

संवाद सहयोगी, चंबा : विधानसभा क्षेत्र भरमौर के तहत होली बजोली जल विद्युत परियोजना से प्रभावित पांच परिवारों को पांच दिन के भीतर ठहराने की उचित व्यवस्था की जाए। ऐसा न होने पर प्रभावितों परिवारों के साथ उपायुक्त कार्यालय के बाहर थाली पीटो आंदोलन किया जाएगा। यह चेतावनी किलोड़ वार्ड के जिला परिषद सदस्य ललित ठाकुर ने मंगलवार को प्रभावितों के साथ उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजे गए ज्ञापन में दी है।

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उन्होंने कहा कि होली बजोली जल विद्युत परियोजना का कार्य पूरा होने पर परीक्षण के लिए टनल में पानी भरना शुरू किया तो यहां पर चमेरा तीन की तरह लीक हो गई। इससे झड़ोथा गांव के पांच परिवार बेघर हो चुके हैं। विक्रम सिंह, सैनी राम, राजेश कुमार, चैन सिंह व सुरिद्र कुमार परिवार के साथ रिश्तेदारों के घरों में रहकर सर्द रातें काटने को मजबूर है। विक्रम सिंह ने पंचायत घर के पुराने कमरे, जहां राजाओं के समय कारागार होता था, में शरण ली है और अन्य चार परिवार रिश्तेदारों के घर में रह रहे हैं। ये परिवार अपने घर में अलग-अलग कमरों में चैन की नींद सोते थे, जो अब एक ही कमरे में सर्द रातें काटने को मजबूर हैं। उन्हें मवेशियों को भी ग्रामीणों के सुपुर्द करना पड़ा है, क्योंकि स्वयं के रहने के लिए जगह नहीं मिल रही है तो मवेशियों को कहां रखेंगे।

ललित ठाकुर ने कहा कि उन्होंने एक दिन पहले होली क्षेत्र का दौरा कर प्रभावितों से मुलाकात की। उनका हाल देखकर बहुत दुख हुआ कि किस तरह से उन्हें विस्थापन का दंश झेलना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र में बड़ी-बड़ी जल विद्युत परियोजनाएं तो शुरू कर दी जाती हैं, लेकिन इनसे प्रभावित होने वाले लोग कैसे जीवनयापन करते हैं, इसका उदाहरण होली बजोली परियोजना प्रभावित हैं। इन्हें कंपनी ने उनके हालात पर ही छोड़ दिया है। कंपनी ने न तो प्रभावितों को ठहरने की व्यवस्था की है और न ही उन्हें गुजारा भत्ता दिया है। सर्दी के मौसम में कंपनी प्रभावितों की अनदेखी कर उनसे अन्याय कर रही है। प्रभावितों ने जमा पूंजी खर्च कर मकान बनाए थे, जो विद्युत परियोजना की वजह से उजड़ चुके हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि शीघ्र प्रभावित परिवारों के ठहरने की व्यवस्था विद्युत निर्माण कर रही कंपनी से करवाई जाए। जब तक कंपनी उन्हें मकान बनाकर नहीं देती है तब तक इन्हें मासिक गुजारा भत्ता दिलाया जाए।


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