होम क्वारंटाइन लोगों पर Geo-tagging से नजर, जानिये क्या है जियो टैग
हिमाचल में बाहरी राज्यों व जिलों से चंबा आये लोगों को होम क्वारंटाइन किया गया है इन लोगाें पर जियो टैगिंग से नजर रखी जा रही है।
चंबा, सुरेश ठाकुर। बाहरी राज्यों व जिलों से चंबा में 4986 लोग आए हैं। इन्हें होम क्वारंटाइन (Home quarantine) किया गया है। इन पर जियो टैगिंग (Geo-tagging) से नजर रखी जा रही है। जिले की 283 पंचायतों में 4864, नगर परिषद व नगर पंचायत में 122 लोगों को होम क्वारंटाइन किया गया है। इनकी निगरानी पंचायत, विकास खंड व जिलास्तर पर जियो टैगिंग से की जा रही है। पंचायत स्तर पर निगरानी समितियां भी गठित की गई हैं। पंचायत प्रधानों को इनका नोडल अधिकारी बनाया गया है।
वार्ड सदस्य, आशा वर्कर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, पंचायत सचिव व पंचायत सहायक समिति के सदस्य नियुक्त किए गए हैं। समिति की ओर से होम क्वारंटाइन व्यक्ति की मोबाइल एप लोकेशन ऑन फोटो के माध्यम से फोटो खींचकर वरिष्ठ अधिकारियों को भेजी जाती है।
ये अधिकारी भी करेंगे निगरानी
खंडस्तर पर गठित समिति में तहसीलदार, खंड चिकित्सा अधिकारी, बाल विकास परियोजना अधिकारी, खंड विकास अधिकारी व थाना प्रभारी को शामिल किया गया है। यह समिति निगरानी व होम क्वारंटाइन नियमों की अवहेलना से संबंधित मामलों को देखेगी और इसकी सूचना संबंधित एसडीएम को देगी। यहां से हर दिन की सूचना जिला नियंत्रण कक्ष को प्रेषित की जाएगी।
ये है योजना का उद्देश्य
जियो टैग योजना का उद्देश्य होम क्वारंटाइन किए सभी लोगों की जानकारी हर अधिकारी प्राप्त कर सकेगा और किसी व्यक्ति को कोई शिकायत हो तो वह तुरंत संबंधित अधिकारियों को सूचना दे सकेगा।
ये है जियो टैग
जियो टैग का अर्थ है कि क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति यानी कौन सा व्यक्ति कितनी ऊंचाई और कितनी दूरी पर है। जियो टैग से यह भी साफ होगा कि किस व्यक्ति की क्या स्थिति है। कौन से स्थान पर किस व्यक्ति को होम क्वारंटाइन किया गया है। इसकी भी जानकारी मोबाइल एप के माध्यम से मौजूद रहेगी।
जिला प्रशासन जियो टैगिंग से बाहरी राज्यों व जिलों से आए 4986 होम क्वारंटाइन किए किए गए लोगों की निगरानी कर रहा है। पंचायत, विकास खंड व जिलास्तर पर इन पर नजर रखी जा रही है।
-विवेक भाटिया, उपायुक्त चंबा
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