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चंबा में बिखरेगी जर्मनी व अमेरिका के सेब की महक

चंबा में जर्मनी व अमेरिका के सेब के तैयार होने से उचित दाम पर सेब उपलब्ध हो जाएगा। बागवानी विभाग द्वारा सेब के पौधे तीसा, पांगी, भरमौर, चुराह समेत ऊंचाई वाले क्षेत्रों में लगाए जाएंगे।

By Edited By: Published: Fri, 08 Feb 2019 08:57 AM (IST)Updated: Fri, 08 Feb 2019 08:57 AM (IST)
चंबा में बिखरेगी जर्मनी व अमेरिका के सेब की महक
चंबा में बिखरेगी जर्मनी व अमेरिका के सेब की महक

चंबा, रणवीर सिंह। जिले में अब अमेरिका व जर्मनी का सेब अपनी महक बिखरेगा। बागवानी विभाग ने सेब के करीब 10 हजार पौधों की डिमांड भेजी है। इन्हें तीसा, पांगी, भरमौर और चुराह समेत ऊपरी क्षेत्रों में बागवानों को तैयार करने के लिए बांटा जाएगा। एक वर्ष से दोनों देशों के सेब को उद्यान विभाग अपने बगीचों में तैयार कर रहा है। जल्द ही पौधे बागवानों को वितरित किए जाएंगे। एडवांस वैरायटी का सेब अमेरिका में तैयार होता है। साथ ही यूरोप के अन्य देशो में भी इसकी पैदावार होती है।

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जिले के ऊंचाई वाले क्षेत्रों के मौसम को देखते हुए इस किस्म के सेब की यहां अच्छी पैदावार होने की संभावना जताई जा रही है। बाजार में इसकी कीमत भी अच्छी मिलती है। विदेश में इस सेब की काफी मांग भी है, वहीं जर्मनी का कुछ विशेष किस्म का सेब चंबा में तैयार किया जाएगा। कुछ वर्ष से उद्यान विभाग चंबा में दोनों देशों के सेब के पौधे वितरित कर रहा है। इससे बागवानों का भी इस सेब की तरफ रुझान बढ़ा है।

चंबा में जर्मनी व अमेरिका के सेब के तैयार होने से लोगों को उचित दाम पर सेब उपलब्ध हो जाएगा। बागवानी विभाग द्वारा सेब के पौधे तीसा, पांगी, भरमौर, चुराह समेत ऊंचाई वाले क्षेत्रों में लगाए जाएंगे। इसके लिए बागवानों की सूची तैयार की जा रही है। ब्लॉक स्तर पर बागवानों को जागरूक करने व पौधे लगाने वाले इच्छुक किसानों को पौधे दिए जाएंगे। इन सेबों की वैरायटी की खासियत यह है कि इसमें फल जल्द ही उग आते हैं। तीन से साढ़े तीन साल बाद सेब तैयार हो जाता है। इसके अलावा इन पौधों में हर साल अच्छी फसल होती है। सेब की अन्य किस्मों की तरह एक साल छोड़कर फसल तैयार नहीं होती।

सेब की उत्पादक क्षमता पारंपरिक सेब से कहीं अधिक है। एक हेक्टेयर जमीन पर करीब 2500 तक पौधे लगाए जा सकते हैं, जबकि अन्य किस्म के 170 से 250 पौधे ही एक हेक्टेयर जमीन पर रोपे जाते हैं। एडवांस वैरायटी के सेब के पौधे नजदीक लगाए जाते हैं जो कम जगह घेरते हैं और फसल भी अधिक देते हैं। चंबा के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जर्मनी व अमेरिका के सेब के पौधे लगाए जाएंगे। चंबा से 10 हजार पौधों की डिमांड भेजी है। इन्हें एक वर्ष पूर्व से कुल्लू व सिरमौर में तैयार किया जा रहा है। ब्लॉक स्तर पर बागवानों की लिस्ट तैयार की जा रही है जिन्हें पौधे वितरित किए जाएंगे। केएल शर्मा, उपनिदेशक बागवानी विभाग चंबा।


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