Fake Aadhar Card: हिमाचल में चल रहा था फर्जी आधार कार्ड का जाल, यूपी से तीन आरोपित गिरफ्तार
Fake Aadhar Cardआधार कार्ड क्लोनिंग मामले के तार देश के कई राज्यों में जुड़े हैं। इस जालसाजी में कौन-कौन और कितने लोग शामिल हैं और कितने लोगों की आधार डिटेल लीक की गई है पुलिस इसकी जांच कर रही है।
चंबा, जागरण संवाददाता। फर्जी आधार कार्ड मामले में चंबा पुलिस ने उत्तर प्रदेश से तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इन तीनों को चंबा पुलिस शक के आधार पर पूछताछ के लिए उत्तर प्रदेश से चंबा लाई थी। पूछताछ के दौरान व्यक्ति फर्जी आधार कार्ड मामले में संलिप्त पाए जाने पर शुक्रवार को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया। न्यायालय ने तीनों आरोपितों को चार दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
चंबा पुलिस ने पहले आरोपित वेद प्रकाश पुत्र विजय सिंह गावं थेया डाकघर भारन जिला आगरा उतर प्रदेश, जबकि दूसरे आरोपित राजीव कुमार पुत्र भगवान सिंह गांव निकपुर जिला आगरा उतर प्रदेश व तीसरे आरोपित अतुल कुमार पुत्र राम दयाल हाउस नंबर 339 नडिपुरा तहसील व जिला ललितपुर उतर प्रदेश से गिरफ्तार किया गया है। अब तक इस फर्जीवाड़े में चंबा पुलिस नौ आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है। जिनमें से छह को पहले ही जमानत मिल चुकी है जबकि तीन को न्यायालय ने चार दिन तक पुलिस हिरासत में भेजा है।
आगामी दिनों में पुलिस की तरफ से और गिरफ्तारियां होने के संकेत दिए गए हैं। आधार कार्ड क्लोनिंग मामले के तार देश के कई राज्यों में जुड़े हैं। इस जालसाजी में कौन-कौन और कितने लोग शामिल हैं और कितने लोगों की आधार डिटेल लीक की गई है, पुलिस इसकी जांच कर रही है। आधार कार्ड की क्लोनिंग का अपनी तरह का देश का पहला है, जिसमें आधार कार्ड ऑपरेटर्स की बायोमेट्रिक डिटेल के आधार पर बाहरी राज्यों में जाली आधार कार्ड बनाए जाने की जालसाजी का पर्दाफाश हुआ है।
बिछा है फर्जी आधार कार्ड का जाल
पश्चिम बंगाल में हिमाचल ही नही दिल्ली, राजस्थान, उत्तराखंड एमपी व हरियाणा के आधार कार्ड ऑपरेटर्स की आइडी से भी फर्जी आधार बनाए गए है। इसका खुलासा पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किए गए आरोपित नूरूल हक पुत्र सेजू शेख गांव इंगलिश डाकघर मई शेल जिला मुरशिदाबाद से बरादम की गई आइडी व 12 लैपटॉप से हुआ है। इन आइडीयों से किस राज्य के कितने आधार कार्ड बने है इसकी जांच में पुलिस टीम पूरी तरह से जुट गई है। पुलिस ने आधार कार्ड फर्जीवाड़े के मामले में पश्चिम बंगाल में जाकर उक्त आरोपित को गिरफ्तार किया था जो आधार कार्ड बनाने वाले ऑपरेटरों की जाली आईडी बनाकर अज्ञात लोगों के आधार कार्ड बना रहा था। उसे भी पिछले सप्ताह जमानत मिल गई है।
ऐसे हुआ फर्जी आधार कार्ड का खुलासा
हिमाचल में कंपनी द्वारा आधार कार्ड बनाने के लिए रखे गए ऑपरेटरों को तैनाती देने से पहले प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान सभी ऑपरेटरों को आधार कार्ड बनाने के लिए आईडी बनाई गई। इस आईडी को बनाने के लिए ऑपरेटरों के आंख व अंगूठे की स्कैनिंग की गई। आरोप है कि जिसकी कंपनी द्वारा आंख व अंगूठे की क्लोनिंग कर एक अलग से डाटा तैयार कर शातिरों को बेच दिया। मगर इस आईडी को चलाने के लिए ऑपरेटरों को पहले उनके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आता था।
इसके लिए कंपनी द्वारा सभी ऑपरेटरों को आदेश जारी किए गए कि रोजाना अपनी आईडी खोलने से पहले जो ओटीपी उनके मोबाइल पर आएगा उसे तुरंत कंपनी के कर्मचारी से शेयर करना होगा। ताकि कंपनी को पता चल सके की किस ऑपरेटर द्वारा रोजाना कितने आधार कार्ड बनाए जा रहे है। लिहाजा ऑपरेटरों द्वारा ओटीपी शेयर करने के बाद कंपनी द्वारा उस ओटीपी को शातिरों को भेज देते थे जिससे डाटा दिया गया था। ओटीपी पहुंचने के बाद उसकी आईडी से दूसरे राज्यों में आधार कार्ड बनना शुरू हो जाते थे।
तीन आरोपित गिरफ्तार
फर्जी आधार मामले में चंबा पुलिस ने उत्तर प्रदेश से तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है। जिन्हे न्यायालय में पेश किया गया। जहां पर उन्हें चार दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेजा गया है। चंबा के एसपी अभिषेक यादव ने कहा कि यह मामला बड़ा गंभीर है। इस मामले की चंबा पुलिस पूरी गहनता के साथ हर पहलू की जांच कर रही है। इसमें कौन-कौन लोग शामिल हैं, इसकी भी पुलिस जांच कर रही है।