Move to Jagran APP

यातायात नियमों का उल्लंघन मतलब हादसे को न्योता

यातायात के नियमों का पालन करना हर नागरिक की जिम्मेदारी है। क्योंकि यातायात के नियम हर नागरिक को सुरक्षा प्रदान करने के लिए बनाएं गए है, ताकि वह नियमों का पालन करके सुरक्षित अपने घरों को पहुंच सके। यह जानकारी आरटीओ चंबा ओंकार ¨सह ने लोगों को दैनिक जागरण के सड़क सुरक्षा सप्ताह अभियान के दौरान दी। उन्होंने कहा कि वाहन चलाते समय हमेशा सीट बेल्ट का प्रयोग करें तथा वाहन को धीमी गति से चलाएं। रात में डिपर का प्रयोग करें तथा नशे की हालत में गाड़ी चलाने से बचें। उन्होंने युवाओं तथा वाहन चालकों को सड़क पर लापरवाही के चलते होने वाली दुर्घटनाओं से भी सचेत करते हुए कहा कि गलत दिशा में

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Nov 2018 12:05 AM (IST)Updated: Fri, 16 Nov 2018 12:05 AM (IST)
यातायात नियमों का उल्लंघन मतलब हादसे को न्योता
यातायात नियमों का उल्लंघन मतलब हादसे को न्योता

संवाद सहयोगी, चंबा : आरटीओ चंबा ओंकार ¨सह ने कहा है कि यातायात नियमों का पालन करना हर नागरिक की जिम्मेदारी है। नियम हर नागरिक को सुरक्षा प्रदान करने के लिए बनाए गए हैं, ताकि वे नियमों का पालन करके सुरक्षित अपने घर तक पहुंच सकें। आरटीओ ओंकार ¨सह वीरवार को दैनिक जागरण के सड़क सुरक्षा सप्ताह अभियान 'जान है तो जहान' के तहत लोगों को जागरूक कर रहे थे।

loksabha election banner

उन्होंने कहा कि वाहन चलाते समय हमेशा सीट बेल्ट का प्रयोग करें तथा वाहन को धीमी गति से चलाएं। रात में डिपर का प्रयोग करें तथा नशे की हालत में गाड़ी न चलाएं। उन्होंने युवाओं तथा वाहन चालकों को सड़क पर लापरवाही के चलते होने वाली दुर्घटनाओं से भी सचेत किया। गलत दिशा में वाहन चलाने से भी कई बार हादसे होते हैं। गाड़ी को चलाते समय हमेशा वाहन की आरसी, ड्राइ¨वग लाइसेंस, बीमा एवं प्रदूषण प्रमाण पत्र साथ रखें। आरटीओ ने कहा कि यातायात नियमों का उल्लंघन करने का मतलब है कि हम हादसों को न्योता दे रहे हैं। हादसों को रोकने के लिए हमें जागरूक होना जरूरी है। अगर युवा और विद्यार्थी वर्ग जागरूक हो जाएगा तो यकीनन हादसों में भी कमी आएगी। उन्होंने कहा कि देशभर में हर दिन कई ¨जदगियां सड़क हादसों में दम तोड़ देती हैं, जिससे काफी नुकसान होता है। सड़क हादसों के कारण कई परिवारों की खुशियां छिन जाती हैं। ऐसी स्थितियां न बनें, इसके लिए हमें जागरूक होना होगा। उन्होंने कहा कि जागरूकता कार्यक्रम का उद्देश्य ही यही है कि लोग यातायात नियमों के प्रति प्रेरित हों।

दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट का प्रयोग करें, कार चलाते समय मोबाइल फोन का प्रयोग न करें, सीट बेल्ट का इस्तेमाल करें और कहीं भी ट्रैफिक सिगनल को तोड़ना नहीं चाहिए। अगर इन तमाम पहलुओं को हम ध्यान में रखकर अपना वाहन चलाते हैं तो फिर हर किसी का सफर सुरक्षित रहेगा। कार में हीटर चलाते समय बरतें यह सावधानी

कार में हीटर के कारण शरीर का तापमान 40.5 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच जाता है। इससे दिमाग, दिल, किडनी व लीवर को नुकसान होने लगता है। इस स्थिति में पहुंचने के बाद भी शरीर के ताप को कम करने का उपाय न किया जाए तो व्यक्ति की मौत तक हो सकती है। वह कोमा में भी जा सकता है। बच्चों के लिए यह स्थिति ज्यादा खतरनाक होती है, क्योंकि उनका शरीर वयस्कों की तुलना में अधिक कोमल होता है और उनकी तापमान सहन करने की क्षमता भी वयस्कों के मुकाबले काफी कम होती है। वाहन में बच्चों को न छोड़ें अकेला

बंद कार में हीटर या एसी चलने से अंदर का तापमान बाहर के तापमान की तुलना में 20 डिग्री सेल्सियस तक बढ़-घट जाता है। बगैर वेंटीलेशन के कार की पिछली सीट भी उतनी ही गर्म होती है जितना कि कार का आगे का हिस्सा। थोड़ी देर होने पर तापमान 70 डिग्री सेल्सियस तक भी जा सकता है। इसलिए बच्चों को उसमें अकेला कतई न छोड़ें। इससे उनका दम तक घुट सकता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.