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विभाग की लोगों को सलाह, सतर्कता ही भालू से बचाव का हथियार

भरमौर उपमंडल में लोग भालुओं के आतंक से सहमे हुए हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Jul 2020 07:30 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jul 2020 07:30 PM (IST)
विभाग की लोगों को सलाह, सतर्कता ही भालू से बचाव का हथियार
विभाग की लोगों को सलाह, सतर्कता ही भालू से बचाव का हथियार

संवाद सहयोगी, भरमौर : भरमौर उपमंडल में लोग भालुओं के आतंक से सहमे हुए हैं। भालू लोगों व मवेशियों पर हमले कर रहे हैं। सोमवार को भी ग्राम पंचायत ग्रीमा में भालू ने एक व्यक्ति पर हमला कर दिया था। इससे पहले भी उपमंडल में ऐसी घटनाएं कई बार सामने आ चुकी हैं। भालू के हमले से एक महिला की मौत तक हो चुकी है। उधर वन विभाग ने लोगों को जागरूक करने का अभियान शुरू किया है। अधिकारियों ने सलाह दी है कि सतर्कता ही ऐसे जानवरों से बचाव का हथियार है लेकिन केवल जागरूकता से ही ऐसे जानवरों के आतंक से निजात नहीं मिल सकती। इसके लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

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बहरहाल, वन विभाग ने मंगलवार को ग्रीमा गांव के लोगों को भालू से बचाव के तरीके बताए। वन खंड अधिकारी जितेंद्र कुमार ने लोगों से कहा कि विद्युत परियोजनाओं के निर्माण के कारण भालुओं के आश्रय स्थल क्षतिग्रस्त हो गए हैं जिस कारण वे आसपास के जंगलों में आश्रय ले रहे हैं। मादा भालू अपने बच्चों की सुरक्षा के प्रति ज्यादा संवेदनशील होती है, इसलिए लोग को भालू संभावित क्षेत्र से गुजरते वक्त जोर-जोर से बातचीत करें ताकि भालू अपना रास्ता बदल लें। इस दौरान लोगों ने अधिकारियों को वो स्थान भी दिखाया जहां भालू ने ग्रामीण पर हमला किया था।

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सिर्फ जागरूकता से हो जाएगा बचाव

वन विभाग ने भले ही लोगों को जागरूक करने का अभियान चलाया हो लेकिन क्या बस जागरूकता से लोग भालू के हमले से बचे रहेंगे। ग्रामीण क्षेत्र के अधिकांश लोग खेतीबाड़ी से जुड़े होते हैं। इन लोगों का पशुपालन भी मुख्य व्यवसाय होता है। ऐसे में देर-सवेर काम के लिए घर से बाहर निकलना ही पड़ता है। ऐसा भी नहीं हो सकता कि हर समय लोग झुंड में चलें। घरों के आसपास जंगल हैं। लोगों के अधिकतर रास्ते जंगलों से होकर ही गुजरते हैं। भालू या अन्य जंगली जानवर की राह में जब भी कोई इन्सान आ जाएगा तो जानवर हमला करेगा ही। इसलिए सिर्फ जागरूकता से ही बचाव संभव नहीं है। जिन गांवों के आसपास भालू दस्तक दे रहे हैं, उन्हें पकड़कर किसी ऐसी जगह छोड़ा जाए, जहां पर जानवरों के रहने के लायक पर्याप्त स्थान हो। ऐसे जानवरों को उस स्थान पर आसानी से भोजन मिल सके, ताकि ये जानवर गांवों की ओर रुख न करें।

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वन विभाग लोगों को भालुओं के व्यवहार के बारे में पूरी जानकारी देने का प्रयास कर रहा है ताकि लोगों का भालुओं से सामना न हो। भरमौर के खणी समेत आसपास के संभावित भालू वाले क्षेत्रों में लोगों को जागरूक किया जाएगा।

-सन्नी वर्मा, वन मंडल अधिकारी भरमौर।


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