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न्यूनतम तामपान लुढ़का, सर्दी ने दिखाने लगी तेवर

जिला की भरमौर पांगी व तीसा की ऊंची पहाड़ियों पर हुए हल्के हिमपात स

By JagranEdited By: Published: Tue, 10 Nov 2020 07:20 PM (IST)Updated: Tue, 10 Nov 2020 07:20 PM (IST)
न्यूनतम तामपान लुढ़का, सर्दी ने दिखाने लगी तेवर
न्यूनतम तामपान लुढ़का, सर्दी ने दिखाने लगी तेवर

संवाद सहयोगी, चंबा : जिला की भरमौर, पांगी व तीसा की ऊंची पहाड़ियों पर हुए हल्के हिमपात से न्यूनतम तापमान में आई गिरावट से लोग ठंड महसूस करने लगे हैं। जिला में मंगलवार को न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस व अधिकतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया। मौसम के एकदम बदले तेवर से लोग अब गर्म कपड़ों में नजर आने लगे हैं। सुबह व शाम को कड़ाके की ठंड पड़ने लगी है। चंबा जिला शीतलहर की थपेड़े महसूस करने लगा है।

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चंबा मुख्यालय को पांगी घाटी से जोड़ने वाले साच दर्रे पर वाहनों की आवाजाही जारी रही। दिनभर में करीब 15 से 20 वाहन दर्रे के आरपार हुए। साच दर्रा अक्टूबर में ही वाहनों की आवाजाही के लिए बंद हो गया था लेकिन मौसम के साफ रहने के चलते लोक निर्माण विभाग ने इसे दोबारा से बहाल करवा दिया है। यहां जेसीबी व कर्मचारी तैनात कर दिए हैं ताकि हल्की बर्फबारी के बाद भी वाहनों की आवाजाही प्रभावित न हो। साच दर्रे के खुले रहने से पांगी घाटी के लोग राहत महसूस कर रहे हैं। यदि उक्त बर्फबारी के कारण बंद होता है तो फिर घाटी के लोगों को जिला मुख्यालय पहुंचने के लिए वाया जम्मू व पदरी जोत होते हुए पहुंचना पड़ता है। यह मार्ग साच पास मार्ग की तुलना में काफी लंबा है।

स्वेटर में नजर आने लगे लोग

न्यूनतम तापमान में आई गिरावट से लोगों ने स्वेटर व जैकेट सहित अन्य गर्म कपड़े निकाल लिए हैं। बाजार में गर्म कपड़े खरीदने के लिए लोगों की भीड़ लगने लगी है। जनजातीय उपमंडल भरमौर में बिना बारिश के ही सर्दी चरम पर पहुंच गई है। मौसम काफी ठंडा होने से लोग गर्म कपड़े पहनने के लिए मजबूर हो गए हैं।

किसानों को बारिश का इंतजार

बादल उमड़ने से जिला के किसानों में बारिश होने की उम्मीद जगी थी लेकिन इनके छंटने से उनके चेहरों पर मायूसी छा गई। किसान इन दिनों की गेहूं बिजाई में जुटे हैं। गेहूं की खेती के लिए बारिश का होना बहुत जरूरी है। किसान सोभिया राम, राम कुमार, संजय तथा महेंद्र सहित अन्य किसानों का कहना है कि गेहूं की बिजाई करने के लिए बारिश की बहुत जरूरत है। बारिश न होने से बिजाई शुरू नहीं कर पा रहे हैं। यदि समय रहते बारिश नहीं होती है तो गेहूं की की बिजाई प्रभावित होगी।


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