पहले दिन हाजिरी कम पर उत्साह भरपूर
विशाल सेखड़ी डलहौजी प्रदेश भर में करीब डेढ़ वर्ष से बंद विद्यालय कोविड-19 प्रोटोकाल की अन
विशाल सेखड़ी, डलहौजी
प्रदेश भर में करीब डेढ़ वर्ष से बंद विद्यालय कोविड-19 प्रोटोकाल की अनुपालना के साथ सोमवार को दसवीं से जमा दो तक की कक्षाओं के नियमित संचालन के लिए खुल गए। इसी क्रम में सोमवार को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बनीखेत में भी दसवीं से जमा दो तक की कक्षा के विद्यार्थी पहुंचे। हालांकि पहले दिन बच्चों की संख्या काफी कम रही। विद्यालय में दसवीं, जमा एक व जमा दो कक्षा में कुल 187 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, जिनमें से केवल 39 विद्यार्थी ही सोमवार को स्कूल पहुंचे थे। दसवीं कक्षा के कुल 27 में से तीन, जमा एक कक्षा के कुल 76 में से 24 और जमा दो कक्षा में 75 में से 12 विद्यार्थी ही कक्षाएं लगाने के लिए विद्यालय पहुंचे। उधर स्कूल प्रबंधन की ओर से कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए पहले ही व्यापक प्रबंध किए गए थे, जिसके तहत स्कूल परिसर को सैनिटाइज करवाने के साथ स्टाफ व विद्यार्थियों के हाथों को भी सैनिटाइज करवाने के लिए विद्यालय परिसर में स्वचालित हैंड सैनिटाइजर मशीन व हैंड सैनिटाइजर स्टैंड सहित नलों के पास साबुन की भी व्यवस्था की गई थी। विद्यार्थियों के हाथों को सैनिटाइज करवाने के बाद उनकी थर्मल स्कैनिग के उपरांत ही कक्षाओं में प्रवेश दिया गया, जबकि कक्षाओं में शारीरिक दूरी के नियम की पालना सुनिश्चित करवाने के लिए विद्यार्थियों को कक्षाओं में निर्धारित दूरी पर बिठाया गया।
मास्क पहनने की अनिवार्यता का भी सख्ती से पालन किया गया। पहले दिन बेशक कम संख्या में विद्यार्थी विद्यालय पहुंचे थे, लेकिन विद्यालय प्रबंधन को पूरी उम्मीद है कि धीरे धीरे विद्यार्थियों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। कोरोना प्रोटोकाल की पालना के साथ कक्षाएं संचालित करने की विद्यालय में पुख्ता व्यवस्था की गई है। सरकार के आदेशानुसार कोविड-19 प्रोटोकाल की पालना करते हुए सोमवार से दसवीं से जमा दो तक की कक्षाएं विद्यालय में संचालित कर दी गई हैं। पहले दिन तीन कक्षाओं के 39 विद्यार्थी विद्यालय पहुंचे थे। मास्क व शारीरिक दूरी की पालना के साथ हाथों को सैनिटाइज करने की पूरी व्यवस्था विद्यालय में है, जबकि विद्यालय परिसर को नियमित रुप से सैनिटाइज भी किया जा रहा है।
जेपी ठाकुर, प्रधानाचार्य रावमापा बनीखेत। करीब डेढ़ वर्ष बाद स्कूल पहुंचकर काफी अच्छा लग रहा है। नियमित कक्षाएं शुरू होने से अब पढ़ाई सुचारु रूप से हो पाएगी। पूरी उम्मीद है कि कोरोना का संकट जल्द पूरी तरह से टल जाएगा और कोरोना संकट खत्म होने पर सभी कक्षाओं के विद्यार्थी स्कूल आएंगे।
भावना, छात्रा कक्षा जमा एक। कोरोना संकट के चलते स्कूल बंद रहने से पढ़ाई काफी प्रभावित हुई। अब स्कूल खुलने पर नियमित रूप से पढ़ाई शुरू हुई है जो अच्छी बात है। स्कूल आने पर कोरोना प्रोटोकाल का सख्ती से पालना करने के साथ अन्य विद्यार्थियों को भी कोरोना प्रोटोकाल की पालना के प्रति जागरूक करूंगी।
मनीषा, छात्रा कक्षा जमा दो। कोरोना संकट के चलते स्कूल करीब डेढ़ वर्ष तक बंद रहे। इस दौरान आनलाइन कक्षाएं तो लगाते रहे, लेकिन आनलाइन पढ़ाई व नियमित पढ़ाई में काफी अंतर है। कक्षाओं में बैठकर अध्यापकों से ज्ञान अर्जित करना आनलाइन माध्यम की अपेक्षा कहीं ज्यादा बेहतर होता है। लिहाजा स्कूल खुलने से खुश हूं।
कार्तिक, छात्र कक्षा जमा एक। कोरोना संकट के दौरान स्कूल बंद रहने से आनलाइन पढ़ाई के दौरान कई तरह की दिक्कत पेश आती थी। इंटरनेट सिग्नल कभी न होने से पढ़ाई प्रभावित होती थी। अब खुश हूं कि स्कूल खुल गए हैं और नियमित पढ़ाई शुरू हो जाएगी।
तनु कुमार, छात्र कक्षा जमा एक।
ककीरा स्कूल में दो शिफ्टों में बुलाए बच्चे
संवाद सहयोगी, बकलोह : राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ककीरा में भी कक्षाएं शुरू हो गई हैं। स्कूल शुरू होने पर कोरोना नियमों का पालन करते हुए बच्चों व स्टाफ को स्कूल परिसर के भीतर आने की इजाजत दी गई। स्कूल के प्रधानाचार्य दिले मोहम्मद ने बताया कि उन्होंने सरकार के दिशा-निर्देश के अनुसार एक दिन पहले ही पूरे स्कूल परिसर और कमरों को सैनिटाइज करवा दिया था। सोमवार को दो शिफ्ट में बच्चों को स्कूल में बुलाया गया। प्रधानाचार्य दिले मोहम्मद ने बताया कि सोमवार को पहले दिन करीब 60 फीसद बच्चे ही स्कूल पहुंचे। धीरे-धीरे बच्चों की संख्या बढ़ेगी।