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Chamba : मौसम में बदलाव से चंबा में बढ़ा वायरल फीवर का प्रकोप, बच्चों को बचाने के लिए रखें इन बातों का ध्यान

Chamba News चंबा के अधिकतर लोग मौसम में आए बदलाव से वायरल फीवर की चपेट में आ रहे हैं। चंबा शहर के अलावा भरमौर होली सलूणी तीसा पुखरी आदि क्षेत्रों के लोगों को भी वायरल फीवर ने जकड़ लिया है।

By Jagran NewsEdited By: Swati SinghPublished: Sat, 08 Apr 2023 06:44 PM (IST)Updated: Sat, 08 Apr 2023 06:44 PM (IST)
Chamba : मौसम में बदलाव से चंबा में बढ़ा वायरल फीवर का प्रकोप, बच्चों को बचाने के लिए रखें इन बातों का ध्यान
मौसम में बदलाव से चंबा में वायरल फीवर ने जकड़े लोग

चंबा, जागरण संवाददाता। मौसम में बदलाव के कारण लोग को वायरल फीवर की जकड़ में आने लगे हैं। वायरल फीवर के रोजाना 30 से अधिक मरीज मेडिकल कॉलेज में दाखिल हो रहे हैं, इनमें सबसे ज्यादा बच्चे इसकी चपेट में आ रहे हैं। हालत यह है कि यहां पर बिस्तर भी कम पढ़ने लगे हैं। एक बैड पर दो मरीजों का इलाज करना पड़ रहा है। लोगों को सर्दी, खांसी व बुखार की अधिक शिकायत हो रही है।

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चंबा के अधिकतर लोग मौसम में आए बदलाव से वायरल फीवर की चपेट में आ रहे हैं। चंबा शहर के अलावा भरमौर, होली, सलूणी, तीसा, पुखरी आदि क्षेत्रों के लोगों को भी वायरल फीवर ने जकड़ लिया है। यही कारण है कि जिला के पहाड़ी क्षेत्रों की पीएचसी में भी प्रतिदिन वायरल फीवर से पीड़ित लोग उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। जिला के अधिकतर बुजुर्ग, युवक व युवतियां तथा छोटे बच्चे सर्दी, जुकाम और खांसी से पीड़ित हो रहे हैं। आए दिन मेडिकल कॉलेज में मरीजों की ओपीडी में वृद्धि हो रही है।

शनिवार को मेडिकल कॉलेज में वायरल से पीड़ित बच्चों की संख्या इतनी अधिक बढ़ गई कि 24 बिस्तर की क्षमता वाले शिशु वार्ड में करीब 50 से अधिक बच्चों को उपचार के लिए भर्ती किया गया। ऐसे में एक बिस्तर पर दो-दो बच्चे लिटाए गए। इससे विभागीय स्टाफ सहित बीमार बच्चों को दिक्कत का सामना करना पड़ा। रोजाना मेडिकल कॉलेज में रूटीन के हिसाब से 30 से अधिक बच्चे उपचार के लिए पहुंच रहे हैं।

डॉक्टरों ने कही ये बात

अस्पताल में उपचाराधीन अधिकतर बच्चे वायरल फीवर, उल्टी, दस्त से पीड़ित हैं। मौसम में परिवर्तन के चलते बीमारियों का प्रकोप बढ़ा है। वायरल फीवर, उल्टी व दस्त से ग्रसित बच्चे उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। बच्चों को बेहतर इलाज मुहैया करवाया जा रहा है। वायरल फीवर की वजह से छोटे बच्चों की छाती जाम हो रही है, जिससे उन्हें सांस लेने में दिक्कत होती है। लोग एहतियात बरतें। डॉ. विशाल महाजन, शिशु रोग विशेषज्ञ मेडिकल कॉलेज चंबा

ये है वायरल फीवर के लक्षण

  • बुखार रहना
  • चक्कर आना या फिर ठंड लगना
  • सिरदर्द व मांसपेशियों में दर्द होना
  • नाक बंद रहना या इसका बहना
  • गले में दर्द, खांसी
  • उल्टी और दस्त होना

यह सावधानियां बरतें

गर्मी व सर्दी के प्रकोप से बच्चों को बचाएं।शिशु विशेषज्ञ से बच्चों का उपचार करवाएं।स्वच्छ पेयजल को ही प्रयोग करें। बासी भोजन और ज्यादा पके हुए फल न खाएं।स्वच्छता का ध्यान रखें।

ऐसे करें रोकथाम

साफ-सफाई और हाथ धोने का खास ख्याल रखें। खांसते और छींकते समय रुमाल से मुंह और नाक को ढकें। एक तरफ कर अपनी कोहनी की ओर खांसे या छींकें। वहीं, भीड़भाड़ भरी जगह पर जहां तक संभव हो जाने से बचें, क्योंकि ऐसी जगह पर जाने पर दूसरे लोगों को भी संक्रमण हो सकता है।

बढ़ रही मरीजों की संख्या

            दिन                         मरीज

  • सोमवार                          618
  • मंगलवार                         540
  • बुधवार                           470
  • वीरवार                           680
  • शुक्रवार                           504
  •   शनिवार                         587

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