अमृतसर में धमाके के बाद चंबा में अलर्ट, सीमा सील
अमृतसर में धमाके के बाद चंबा जिले में पुलिस ने अलर्ट जारी कर दिया है। वाहनों की भी सघन तलाशी ली जा रही है।
संवाद सहयोगी, बकलोह : पंजाब के अमृतसर के राजासांसी इलाके में स्थित निरंकारी भवन में सत्संग के दौरान हुए धमाके के बाद चंबा-पठानकोट सीमा पर अलर्ट जारी कर दिया गया है। जिला चंबा के साथ लगती सीमा को सील कर दिया गया है। सीमावर्ती इलाकों में पुलिस ने गश्त बढ़ा दी है। हर आने-जाने वाले वाहन व लोगों पर नजर रखी जा रही है। सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों को भी पूरी तरह अलर्ट रहने को कहा गया है। जिले की दुनेरा सीमा पंजाब से लगती है। वहीं, चंबा जिले में जम्मू-कश्मीर के साथ लगती 60 किलोमीटर लंबी सीमा है। यह इलाका बेहद संवेदनशील है और यहां आंतकी घटनाओं का खतरा बना रहता है। पुलिस की ओर से इन सीमाओं पर नाकेबंदी कर दी गई है। वहीं, पठानकोट और पंजाब से लगती सीमाओं से आने-जाने वाले वाहनों की भी सघन तलाशी ली जा रही है। चंबा के सभी प्रवेश मार्गो पर सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया गया है।
उधर, एसपी डॉ. मोनिका ने बताया कि अमृतसर के राजासांसी इलाके में हुए धमाके के बाद चंबा की सामाओं पर अलर्ट जारी कर दिया है। साथ ही चेकपोस्ट पर गहनता के साथ जांच के आदेश दिए गए हैं। पुलिस द्वारा सीमाओं पर रात्रि गश्त भी बढ़ा दी गई है। चंबा में प्रवेश होने वाले सभी वाहनों की जांच की जा रही है। पठानकोट-चंबा की सीमा पर चौकसी बरतने के निर्देश दिए हैं। सीमा पर किसी प्रकार किसी अप्रिय घटना का समाचार नहीं है। उन्होंने लोगों से भी अपील की है कि अगर कोई संदिग्ध दिखे तो पुलिस को सूचित करें। 1993 में हुआ था पहला आतंकी हमला
23 जून, 1993 को हिमाचल में पहली बार आतंकियों के कदम पड़े थे। किहार सेक्टर के जलाड़ी में पहली बार हिमाचल पुलिस व आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। 30 जून को पांगी सेक्टर के चील कोटधार में लूटपाट हुई थी। 14 सितंबर, 1993 की रात आतंकियों ने तीसा सेक्टर की ¨सगड़ाधार में पुलिस पर हमला किया था। इसमें दो कांस्टेबल शहीद हो गए थे। 30 सितंबर, 1993 को हथियारबंद लोगों ने तीसा सेक्टर की रोहिणीधार में लूटपाट की थी। 10 नवंबर, 1993 को किहार के खुंडीमराल में दोबारा हिमाचल पुलिस व आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई, इसमें एक आतंकी मारा गया था। इन घटनाओं के बाद चंबा बॉर्डर पर आइटीबीपी, सीआरपीएफ व बीएसएफ के जवानों की तैनाती की गई। दो अगस्त, 1998 की रात आतंकियों ने कालाबन में 24 व सतरूंडी में 11 लोगों की हत्या कर दी थी।