जम्मू-कश्मीर से सटी चंबा की सीमा सील
पड़ोसी राज्य जम्मू-कश्मीर के संभाग के किश्?तवाड़ इलाके में हुए आतंकी हमले के बाद से चंबा में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। जिला चंबा के साथ लगती जम्मू -कश्मीर की 216 किलोमीटर लंबी सीमा को सील कर दिया गया है। जम्?मू संभाग के किश्?तवाड़ इलाके में आतंकियों ने भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश सचिव अनिल परिहार और उनके भाई अजीत परिहार की गोली मारकर
जागरण संवाददाता, चंबा : पड़ोसी राज्य जम्मू-कश्मीर के संभाग के किश्तवाड़ इलाके में हुए आतंकी हमले के बाद से चंबा में हाई अलर्ट जारी कर दिया है। जिला के साथ लगती जम्मू-कश्मीर की 216 किलोमीटर लंबी सीमा को सील कर दिया है। किश्तवाड़ इलाके में आतंकियों ने भाजपा के प्रदेश सचिव अनिल परिहार और उनके भाई अजीत परिहार की गोली मारकर हत्या कर दी है। इसके बाद से जिला की सीमाओं पर चौकसी बढ़ा दी है। चंबा-जम्मू सीमा पर सेवा ब्रिज पर वाहनों को जांच के बाद ही आगे भेजा जा रहा है। सुरक्षाबलों को भी चौकसी बरतने को कहा गया है। सीमावर्ती क्षेत्र में बसे ग्रामीण क्षेत्रों में भी नियमित तौर पर गश्त की जा रही है। जिला के पुलिस अधिकारी सतर्क हो गए हैं।
उधर, एएसपी चंबा रमन शर्मा ने बताया कि हमले की सूचना के बाद से अलर्ट जारी कर दिया है। जम्मू-चंबा की सीमा पर चौकसी बरतने के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस फोर्स सीमा पर नजर बनाए हुए है। सीमा पर किसी प्रकार किसी अप्रिय घटना का समाचार नहीं है। चंबा बॉर्डर पर 13 चौकियां स्थापित
पुलिस जवानों ने जम्मू-कश्मीर से सटे चंबा बॉर्डर की नाकेबंदी कर सर्च अभियान छेड़ दिया है। मौजूदा समय में चंबा बॉर्डर पर प्रदेश पुलिस की एक-एक बटालियन के जवान तैनात हैं। चंबा बॉर्डर पर 13 चौकियां स्थापित की गई हैं। बॉर्डर को संवेदनशील इसलिए माना जाता है क्योंकि सीमावर्ती इलाकों में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी, आइएसआइ आदि की सक्रियता है। 1993 में हुआ था पहला आतंकी हमला
23 जून, 1993 को हिमाचल में पहली बार आतंकियों के कदम पड़े थे। किहार सेक्टर के जलाड़ी में पहली बार हिमाचल पुलिस व आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। 30 जून को पांगी सेक्टर के चील कोटधार में लूटपाट हुई थी। 14 सितंबर, 1993 की रात आतंकियों ने तीसा सेक्टर की ¨सगड़ाधार में पुलिस पर हमला किया था। इसमें दो कांस्टेबल शहीद हो गए थे। 30 सितंबर, 1993 को हथियारबंद लोगों ने तीसा सेक्टर की रोहिणीधार में लूटपाट की थी। 10 नवंबर, 1993 को किहार के खुंडीमराल में दोबारा हिमाचल पुलिस व आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई, इसमें एक आतंकी मारा गया था। इन घटनाओं के बाद चंबा बॉर्डर पर आइटीबीपी, सीआरपीएफ व बीएसएफ के जवानों की तैनाती की गई। दो अगस्त, 1998 की रात आतंकियों ने कालाबन में 24 व सतरूंडी में 11 लोगों की हत्या की थी।