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प्रोजेक्ट कर्मचारी लड़ेंगे हक के लिए लड़ाई

-कर्मचारियों की दो टूक 15 अगस्त तक मांगे पूरी नहीं हुई तो करेंगे आंदोलन संवाद सहयो

By JagranEdited By: Published: Mon, 02 Aug 2021 05:47 PM (IST)Updated: Mon, 02 Aug 2021 05:47 PM (IST)
प्रोजेक्ट कर्मचारी लड़ेंगे हक के लिए लड़ाई
प्रोजेक्ट कर्मचारी लड़ेंगे हक के लिए लड़ाई

-कर्मचारियों की दो टूक, 15 अगस्त तक मांगे पूरी नहीं हुई तो करेंगे आंदोलन

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संवाद सहयोगी, चंबा : जिस से दो वक्त की रोटी निकलती थी और परिवार का सब खर्च चलता था उस जमीन को पावर प्रोजेक्ट के लिए देकर कई घरों को रोशन किया, लेकिन कंपनी में कार्यरत यह लोग आज भी खुद के हक के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। यह हक की लड़ाई चुराह उपमंडल के तहत ननाल हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट में लैंड लूजर के तहत लगे कर्मचारी लड़ रहे हैं।

वर्ष 2014 से ननाल हाइड्रो प्रोजेक्ट में सेवाएं दे रहे हैं। लोगों का कहना है कि उन्हें कंपनी में कार्यरत छह वर्ष से भी अधिक का समय हो गया है, लेकिन आज दिन तक कंपनी की ओर से उन्हें ईपीएफ, मेडिकल सुविधा, कर्मचारी बीमा, आइडी प्रूफ, शिफ्ट ट्रांस्पोटिग, सेलरी स्लिप, ज्वाइनिंग लेटर, पदनाम, त्योहारी बोनस व इंक्रीमेंट जैसी सभी तरह की सुविधाओं से वंचित रखा गया है, जबकि श्रम अधिकारी के साथ कर्मचारी व कंपनी प्रबंधन की बैठक कंपनी प्रबंधन ने मांगों को पूरा करने की हामी भरते हुए कुछ दिन के लिए समय मांग था। छह माह का समय हो जाने के बाद उनकी एक भी डिमांड पूरी नहीं हो पाई है। सुविधाओं से वंचित इन कर्मचारियों ने कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोलने का मन बना लिया है।

सोमवार को ननाल हाइड्रो प्रोजेक्ट कंपनी के कर्मचारियों ने उपमंडल अधिकारी चुराह को ज्ञापन सौंप कर फिर से अपनी समस्याओं व मांगों से अवगत करवा कर उन्हें जल्द पूरा करवाने की मांग की है। साथ ही उन्होंने कंपनी प्रबंधन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 15 अगस्त तक उनकी मांगों को को पूरा नहीं किया गया तो सभी कर्मचारी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर चले जाएंगी। कर्मचारी हुसैना खान, कुलदीप सिंह, मंजूर खान, गुलाम हुसैन, यासीन खान, नसीर मोहम्मद, कर्म सिंह, नोरंग, पवन कुमार, वीरेंद्र, पवन व राजेंद्र सहित अन्य का कहना है कि लैंड लूजर के तौर पर 40 वर्षो तक ननाल हाइड्रो प्रोजेक्ट के साथ करार हुआ है, लेकिन प्रोजेक्ट में कार्यरत कुछ कर्मचारियों को बिना सूचना दिए अलग फर्म में डाल दिया गया है। कुछ कर्मचारी लैंड लूजर में नहीं आते अगर वह अपने हक की बात करते हैं, तो उन्हें नौकरी से निकालने की धमकी दी जाती है। कुछ कर्मचारियों को एक साल से मस्टरोल पर रखा है ओर अब उन्हें वहां से हटा कर ठेकेदार के साथ लगा दिया गया है, ताकि वह ईपीएफ अधिनियम के तहत कंपनी में अपना पंजीकरण न करवा सके। साथ ही इन कर्मचारियों को पिछले छह माह से सेलरी भी नहीं मिल पाई है। प्रोजेक्ट के लिए अपनी जमीन दे बैठे अब इन लोगों को कहीं भी रोजगार साधन नहीं है, ऐसे में उन्हें अपने परिवार का पालन पोषण करने की चिता सता रही है। उन्होंने उपमंडल अधिकारी तीसा से कंपनी की ओर से उन्हें मिलने वाले हक को जल्द दिलवाने की मांग की है। बतौर लैंड लूजर 14 से 16 लोग कंपनी में सेवाएं दे रहे हैं। उनकी जायज मांगों को जल्द पूरा किया जाएगा। फैक्ट्री लाइसेंस न मिलने के चलते मजदूरों का ईपीएफ नहीं कट पा रहा है। लाइसेंस मिलते ही ईपीएफ भी कटना शुरू हो जाएगा। आउटसोर्स पर सेवाएं दे रहे मजदूरों की हर माह सेलरी दी जा रही है। आर्थिक समस्याओं के चलते कभी देरी जरूर हो जाती है। अन्यथा समय पर ही कर्मचारियों की सेलरी का भुगतान किया जाता है।

आरसी सिंह, प्रबंधक ननाल हाइड्रो प्रोजेक्ट।


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