स्कूलों से गायब रहने वाले शिक्षक नपेंगे
साक्षात्कार- फोटो सहित- जिला चंबा में स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए लगातार कार्य किया जा रहा है। बच्चों को किताबी शिक्षा के साथ-साथ मौलिक कर्तव्यों के प्रति भी प्रेरित किया जा रहा है ताकि स्कूल से निकलने वाले बच्चे बेहतर इंसान बनकर पूरे संसार में अपना उदाहरण पेश करें। इसके अलावा स्कूलों में व्यवस्था को बनाए
-जिले के सभी स्कूलों में स्थापित होंगी बायोमेट्रिक मशीनें,
-उपनिदेशक उच्च शिक्षा विभाग चंबा देवेंद्र पाल ने किया खुलासा जिले के स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए लगातार कार्य किया जा रहा है। बच्चों को किताबी शिक्षा के साथ-साथ मौलिक कर्तव्यों के प्रति भी प्रेरित किया जा रहा है। इसके अलावा स्कूलों में व्यवस्था को बनाए रखने के लिए औचक निरीक्षण भी किया जा रहा है। यदि कोई अध्यापक या कर्मचारी स्कूल से नदारद पाया जाता है तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाती है। स्कूलों में स्टाफ की हाजिरी लगाने के संबंध में बॉयोमेट्रिक मशीन स्थापित की जा रही हैं, ताकि कोई भी शिक्षक का कर्मचारी बिना बताए स्कूल से गायब न हो सके। दैनिक जागरण के मिथुन ठाकुर ने उपनिदेशक उच्च शिक्षा विभाग चंबा देवेंद्र पाल से बातचीत की। पेश हैं बातचीत के अंश. जिला चंबा के स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं।
जिला चंबा में स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए लगातार कार्य किया जा रहा है। स्कूलों में अध्यापकों की ड्यूटी तय की गई है कि वे बच्चों को बेहतर ढंग से पढ़ाएं तथा उनकी हर हरकत पर नजर रखें। उच्च शिक्षा विभाग के एक स्कूल के पास भवन न होने का मामला सामने आया था। ऐसे कितने स्कूल हैं, जिनके पास अपना भवन नहीं है।
जिला चंबा में सभी स्कूलों के पास अपने भवन हैं। एक स्कूल के पास अपना भवन नहीं है। इसके भवन निर्माण के संबंध में रिपोर्ट तैयार कर उच्चाधिकारियों को प्रेषित कर दी गई है।
स्कूलों में शिक्षा विभाग द्वारा स्टाफ की हाजिरी लगवाने को लेकर बॉयोमेट्रिक लगवाने की बात कही गई थी, कितना कार्य हुआ है।
उच्च शिक्षा विभाग के तहत आते सभी स्कूलों में बायोमेट्रिक लगवाने के लिए कार्य किया जा रहा है। अधिकतर स्कूलों में इसे स्थापित कर दिया गया है। विभाग का प्रयास है कि आगामी वर्ष 2020 तक इन्हें सभी स्कूलों में स्थापित करवा दिया जाए।
स्कूलों से शिक्षकों के नदारद रहने के कई मामले सामने आए हैं। इन पर क्या कार्रवाई की गई है।
लोगों की शिकायत मिलते ही त्वरित कार्रवाई अमल में लाई गई है। मैं स्वयं औचक निरीक्षण करता हूं। औचक निरीक्षण के तहत नदारद पाए गए अध्यापकों पर नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई गई है।
किताबी ज्ञान के अलावा बच्चों में नैतिक मूल्यों के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।
बच्चों को किताबी ज्ञान के अलावा नैतिक मूल्यों की शिक्षा भी प्रदान की जा रही है। इस संबंध में समय-समय पर वाद-विवाद प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया जाता है। मौलिक कर्तव्यों के प्रति सभी बच्चों को सजग किया जा रहा है, ताकि वे बेहतर इंसान बनकर देश की तरक्की में अपना योगदान दे सकें।
स्कूलों में स्टाफ की कमी के कारण बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है।
यह सही है कि स्कूलों में स्टाफ की कमी एक बड़ी समस्या है। वर्तमान समय में करीब 347 प्रवक्ताओं के पद खाली चल रहे हैं। स्कूलों में स्टाफ की कमी के बारे में समय-समय पर उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया जा रहा है।
आगामी बोर्ड परीक्षाओं के लिए विभाग की क्या तैयारी है।
बोर्ड परीक्षाओं के लिए विभाग पूरी तरह से तैयार है। परीक्षाओं के दौरान किसी प्रकार की नकल न हो। इसके लिए फ्लाइंग टीमें तैनात रहेंगी तथा परीक्षार्थियों की हर गतिविधि पर पैनी नजर रखेंगी।