चंबा में अवतार दिवस पर किया साई का गुणगान
धा। हिन्दू हो या मुसलमान साई ने सभी के प्रति समान भाव रखा और कभी इस बात का उल्लेख नहीं किया कि वह किस जाति के हैं। साईं ने हमेशा मानवता प्रेम और दयालुता को अपना धर्म माना। जो भी इनके पास आता उसके प्रति बिना भेद भाव के उसके प्रति कृपा करते। साई के इसी व्यवहार ने उन्हें शिरडी का साई बाबा और भक्तों का भगवान बना दिया। कार्यक्रम के दौरान प्रसाद वितरण भी किया गया।
संवाद सहयोगी, चंबा : जिला मुख्यालय में श्री सत्य साई सेवा समिति चंबा की ओर से अवतार दिवस मनाया गया। इस मौके पर लगभग 150 भक्तों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया। श्री सत्य साई सेवा समिति चंबा के अध्यक्ष पीके गुप्ता ने श्री सत्य साई के बारे में जानकारी दी। उन्होंने लोगों को प्रेम से रहने और लोगों की सेवा कार्य करने की बात कही।
कार्यक्रम के दौरान मौजूद साई भक्तों को बताया कि साई बाबा ने अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा एक पुराने मस्जिद में बिताया जिसे वह द्वारका माई कहा जाता है। सिर पर सफेद कपड़ा बांधे हुए फकीर के रूप में साईं शिरडी में धूनी रमाए रहते थे। साई ने कबीर की तरह कभी भी अपने को जाति बंधन में नहीं बांधा। हिंदू हो या मुसलमान साई ने सभी के प्रति समान भाव रखा और कभी इस बात का उल्लेख नहीं किया कि वह किस जाति के हैं। साई ने हमेशा मानवता, प्रेम और दयालुता को धर्म माना। जो भी इनके पास आता उसके प्रति बिना भेदभाव के उसके प्रति कृपा करते। साई के इसी व्यवहार ने उन्हें शिरडी का साई बाबा और भक्तों का भगवान बना दिया। कार्यक्रम के दौरान प्रसाद वितरण भी किया गया।