दुकानदारों व छोटे उद्योगों को ऋण नहीं आर्थिक सहायता दे केंद्र
कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए लॉकडाऊन के कारण लोग बेरोजगार हुए तथा अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई।
संवाद सहयोगी, डलहौजी : कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए लॉकडाऊन के कारण लोग बेरोजगार हुए तथा अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई। लॉकडाउन से सबसे ज्यादा परेशानी दूसरे राज्यों के कामगारों को परेशानी झेलनी पड़ी है। यह बात ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी की महासचिव एवं विधायक आशा कुमारी ने कांग्रेस पार्टी के स्पिक अप इंडिया अभियान के तहत कही।
उन्होंने कहा कि दुकानदारों व छोटे कारखाने चलाने वालों व अन्य सूक्ष्म व मध्यम वर्ग के लोगों को ऋण की बजाय केंद्र सरकार सीधे तौर पर आर्थिक मदद करे। आशा कुमारी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी एक सशक्त विपक्ष की भूमिका निभाते हुए गरीब व मध्यमवर्गीय परिवारों की समस्याओं को सरकार के ध्यान में लाना चाहती है।
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के चलते गरीब व मध्यमवर्गीय परिवार काफी ज्यादा परेशानियां झेल रहे हैं। गरीब लोगों को रोजगार न मिलने के कारण खाने-पीने व घरों की अन्य जरूरतें पूरा करने के लिए आर्थिक समस्या पेश आ रही है। लिहाजा सरकार बिना देरी किए देश के सभी गरीब परिवारों के बैंक खातों में दस-दस हजार रुपये डाले, ताकि गरीब परिवार अपने परिवारों के लिए जरूरी सुविधा जुटा सकें। उन्होंने कहा कि छोटे व मध्यम उद्योग लॉकडाउन के चलते प्रभावित होने के कारण मध्यमवर्गीय परिवारों के युवाओं का रोजगार चला गया है। लिहाजा केंद्र सरकार छोटे व मध्यम उद्योगों को पुन:स्थापित करने के लिए आर्थिक मदद करे। सरकार प्रवासी मजदूरों को व्यवस्थित तरीके से उनके घरों तक पहुंचाने की उचित व्यवस्था करे और अपने प्रदेशों में पहुंचने पर मजदूरों के लिए मनरेगा के तहत वर्ष में कम से कम दो सौ दिनों का रोजगार दिया जाए।