डलहौजी के लोगों ने सीखी निरोगी रहने की कला
आर्ट ऑफ लिविग के संस्थापक और अध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर द्वारा वेबकास्ट प्रसारण के माध्यम से डलहौजी के सदर बाजार में स्थित लक्ष्मी-नारायण मंदिर परिसर में आयोजित तीन दिवसीय हैपीनेस शिविर का समापन किया गया।
संवाद सहयोगी, डलहौजी : आर्ट ऑफ लिविग के संस्थापक और अध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर द्वारा वेबकास्ट प्रसारण के माध्यम से डलहौजी के सदर बाजार में स्थित लक्ष्मी-नारायण मंदिर परिसर में आयोजित तीन दिवसीय हैपीनेस शिविर का समापन किया गया। देश-विदेश के तीन हजार केंद्रों में यह प्रोग्राम वेबकास्ट के माध्यम से आयोजित हुआ, जिसमें 75 हजार प्रतिभागियों ने भाग लिया। डलहौजी में आर्ट ऑफ लिविग के प्रशिक्षक रतन कुमार ने बताया कि डलहौजी में शिविर के दौरान प्रतिभागियों को योग ध्यान, प्राणायाम व सुदर्शन क्रिया के बारे में जानकारी दी गई। वहीं, इन सब क्रियाओं के माध्यम से तनावमुक्त, ऊर्जावान व स्वस्थ रहने के गुर सिखाए गए। शिविर के दौरान करवाई गई सभी क्रियाएं गुरु रविशंकर की ओर से संचालित द आर्ट ऑफ लिविग शिक्षा पद्धति पर आधारित हैं। प्रशिक्षक रतन ने कहा कि जीनव को सकरात्मक बनाने और तनावमुक्त रहने में योग और आध्यात्म का सामंजस्य होना जरूरी है। योग हमें स्वस्थ्य तथा ऊर्जावान बने रहने में सहयोग करता है। वहीं, आध्यात्म जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण उत्पन्न करता है। हैपीनेस प्रोग्राम में शामिल हुए लोगों ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि सुदर्शन क्रिया के अनेक चमत्कारिक लाभ हैं। सुदर्शन क्रिया करने से ओजस्वी, ऊर्जावान, तनावमुक्त, शांति, सकारात्मक नजरिया, आत्म विश्वास, अच्छी नींद के साथ-साथ सुखद वातावरण सहित और भी अनेक लाभ होते हैं। प्रतिभागियों ने इस कार्यक्रम को काफी लाभदायक बताते हुए संस्था का आभार जताया। इस अवसर पर गौरव, पूजा, रविन्द्र, अमरीश, राजेंद्र, अरुण पठानिया, नवदीप, संगत, चेतन, नीना, बृज बग्गा, टेक चंद, राजा राम, राजेश, अमनदीप, श्वेता, प्रवेश, अंजली, श्रवण, चंपा सहित अन्य लोग मौजूद थे।