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फूलों की खेती से महकी जीवन की बगिया, बेरोजगारों के लिए एक बेहतर विकल्प

बंगाणा उपमंडल की जसाणा पंचायत की रहने वाली अनीता फूलों की खेती से से अपना जीवन यापन कर रही है अनीता प्रतिवर्ष लगभग पांच लाख रुपये फूलों की खेती से कमा रही है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Mon, 14 Oct 2019 09:21 AM (IST)Updated: Mon, 14 Oct 2019 09:21 AM (IST)
फूलों की खेती से महकी जीवन की बगिया, बेरोजगारों के लिए एक बेहतर विकल्प
फूलों की खेती से महकी जीवन की बगिया, बेरोजगारों के लिए एक बेहतर विकल्प

बंगाणा, राकेश राणा। फूलों की खेती से जीवन की बगिया महक गई। इससे जहां आर्थिकी मजबूत हुई वहीं मान-सम्मान भी मिला। फूलों की खेती से एक अलग ही सुखद अनुभव होता है। यह कहना है बंगाणा उपमंडल की जसाणा पंचायत की रहने वाली अनीता राणा का। अनीता इस समय करीब सात कनाल में फूलों की खेती कर रही हैं। हर साल करीब पांच लाख रुपये इस खेती से कमा रही हैं।

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बेरोजगार युवाओं के लिए फूलों की खेती बेहतर विकल्प हो सकता है। उन्होंने कहा कि बचपन से ही उन्हें फूलों की खेती का शौक था। शादी के बाद से ही वह अपने पति मदन राणा के सहयोग से कृषि में रुचि दिखाने लगी। करीब तीन साल पहले फलों की खेती करनी शुरू की।

अब बस इससे लाखों रुपये सलाना कमा रही हैं। वहीं बेरोजगार युवाओं के लिए प्रेरणा स्नोत बनी हैं। हालांकि परिवार की रोजी रोटी चलाना उनके लिए किसी चुनौती से कम नहीं था लेकिन फिर भी उन्होंने फूलों की खेती कर अपनी आर्थिकी मजबूत की। सिंचाई सुविधा न होने से शुरू में उन्हें फूल उगाने में काफी दिक्कतें हुई थीं। अनीता राणा ने कहा कि यदि सरकार व बागवानी विभाग का सहयोग मिले तो फूलों की खेती में अन्य किसानों का भी रुझान बढ़ेगा।

फूल बेचकर कमा रही सालाना पांच लाख

फूलों की खेती से न केवल अनीता राणा के खेत महके रहे हैं बल्कि अच्छी आय भी प्राप्त हो रहा है। उनके उगाए फूल चंडीगढ, दिल्ली सहित अन्य राज्यों में भी खुशबू बिखेर रहे हैं। सालभर में फूल बेचकर  करीब चार से पांच लाख रुपये का लाभ कमा रही हैं। उन्होनें युवाओं को संदेश दिया कि कुछ न करने से बेहतर है कि फूलों की खेती को स्वरोजगार के रूप में अपनाएं।

 बागवानी से संबंधित कृषि को बढ़ावा देने के लिए सरकार व विभाग किसानों के लिए बेहतर प्रयास कर रहे हैं। किसान वैज्ञानिक तरीके से खेती करके आर्थिकी मजबूत कर सकते हैं।

-सुभाष चंद, उपनिदेशक, जिला बागवानी। 

 बेंगलुरु से मंगवाए बीज

अनीता राणा ने बताया कि वह फूलों के बीज बेंगलुरु से मंगवाती हैं। ये फूल चार साल तक अच्छी पैदावार देते हैं। फूलों की खेती करने के लिए शुरू में जरूर दिक्कतें हुई थीं लेकिन धीरे-धीरे सब सामान्य हो गया।  

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