चंबा जिले में बारिश के कहर से रावी खतरे के निशान पर, 28 गांव करवाए खाली
दो दिन से जारी बारिश चंबा जिले में कहर ढहाने लगी है। रावी के उफान पर आने के कारण इसके किनारे बसे करीब 28 गांवों को खाली करवा दिया गया है।
चंबा, जेएनएन। दो दिन से जारी बारिश चंबा जिले में कहर ढहाने लगी है। रावी के उफान पर आने के कारण इसके किनारे बसे करीब 28 गांवों को खाली करवा दिया गया है। प्रशासन ने विभागों के विश्रामगृह में लोगों के रहने की व्यवस्था की है। इसके अलावा कई लोगों ने रिश्तेदारों के यहां शरण ली है।
जिला में शनिवार व रविवार को हुई भारी बारिश ने तबाही मचा दी है। रविवार दोपहर को चंबा-पठानकोट मार्ग पर स्थित पुराना शीतला पुल क्षतिग्रस्त हो गया। पुल के करीब सड़क पर दरारें आ गई हैं, वहीं, एक हिस्सा रावी में बह गया।
इस दौरान रावी का जलस्तर इतना बढ़ गया कि पुल के कुछ ही फुट नीचे तक पानी बहने लगा। एसडीएम दीप्ति मंढोत्रा सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे तथा माई का बाग सहित रावी के तट पर बसे अन्य लोगों को वहां से सामान लेकर सुरक्षित स्थान पर जाने के निर्देश दिए।
इसके उपरांत लोगों ने दुकानों व घरों से सामान निकालना शुरू कर दिया तथा सुरक्षित स्थान की ओर चले गए। लगातार हो रही भारी बारिश के चलते रावी का जलस्तर इतना बढ़ गया है कि पुराने शीतला पुल के गिरने का खतरा पैदा हो गया है। रावी के किनारे मकानों के गिरने का खतरा भी बढ़ गया है।
जिलाभर में जहां से भी रावी गुजरती है, उसके किनारे बसे गांवों को भी खाली करवा दिया गया है। इनमें राख तथा बकाण से लेकर लूणा, बालू, परेल तथा समलेऊ सहित अन्य स्थान शामिल हैं। वहीं, होली बाजार में सड़क धंसने के चलते साथ लगते घरों के भी जमींदोज होने का खतरा बढ़ गया है। ऐसे में यहां से भी घरों व बाजार को खाली करवा दिया गया है।
रविवार को रावी नदी ने ऐसा रौद्र रूप धारण कर लिया कि सैकड़ों लोगों को अपने आशियाने छोड़ने को मजबूर होना पड़ा। अपने घरों से आवश्यक सामान एकत्रित कर उन्हें सुरक्षित स्थानों का रुख करना पड़ा। इसके अतिरिक्त नगर परिषद के चौगान वार्ड के तहत पक्काटाला मोहल्ले में भी एक मकान को खतरा उत्पन्न होने से इसे भी खाली करवाया गया है।
प्रशासन ने रावी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे पहुंचने तक खाली करवाए गए घरों में न जाने की लोगों से अपील की है। सुरक्षित स्थानों पर भेजे प्रभावित रावी नदी के किनारे बसे लोगों के घर खाली करवाने के बाद उन्हें सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया। प्रशासन की ओर से गांवों के आसपास स्थित विभिन्न विभागों के विश्रामगृह सहित अन्य सरकारी भवन लोगों के आश्रय के लिए खुले रखे गए हैं।
इसके अलावा जो लोग अपने रिश्तेदारों के यहां ठहरना चाहते हैं, उन्हें रिश्तेदारों के यहां भेजा गया है, ताकि कोई नुकसान न हो सके। बारिश से पेयजल एवं सिंचाई योजनाओं को नुकसान जिला में बारिश के कारण करीब 30 पेयजल एवं सिंचाई योजनाओं को नुकसान हुआ है। सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा योजनाओं को हुए नुकसान का आकलन करीब 70 लाख आका गया है। कई स्थानों पर पाइपें तो कई स्थानों पर टैंकों को नुकसान पहुंचा है।
जिला में लगातार हो रही भारी बारिश से रावी का जलस्तर बढ़ गया है। इसलिए रावी किनारे बसे गांवों को खाली करवा दिया है। लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेजा गया है। साथ ही विभागों के विश्रामगृह भी लोगों के आश्रय के लिए खुले रखे गए हैं।
हरिकेश मीणा, उपायुक्त चंबा।