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गैर वन भूमि अनुपलब्धता प्रमाण पत्र मिलने में नहीं होगा विलंब

किसी परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने में अब देर नहीं होगी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Mar 2021 09:25 PM (IST)Updated: Wed, 03 Mar 2021 09:25 PM (IST)
गैर वन भूमि अनुपलब्धता प्रमाण पत्र मिलने में नहीं होगा विलंब
गैर वन भूमि अनुपलब्धता प्रमाण पत्र मिलने में नहीं होगा विलंब

जागरण संवाददाता, चंबा : किसी परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने में गैर वन भूमि अनुपलब्धता प्रमाणपत्र के लिए अब लोक निर्माण विभाग को लंबे समय तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। राजस्व अधिकारियों की आगामी समीक्षा बैठक में सभी राजस्व अधिकारियों को इस संबंध में आवश्यक दिशानिर्देश जारी कर दिए जाएंगे। यह बात उपायुक्त डीसी राणा ने कही।

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उपायुक्त ने बुधवार को लोक निर्माण और जलशक्ति विभाग के अधिकारियों के साथ नाबार्ड योजनाओं की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि जो योजनाएं वन विभाग के स्तर पर लंबित हैं, उनकी सूची लोक निर्माण विभाग वन विभाग के साथ साझा करे ताकि उन पर जल्द कार्रवाई अमल में लाई जा सके। लंबे समय से नाबार्ड की विधायक प्राथमिकता वाली वे योजनाएं जो किसी कारण लंबित हैं, उन्हें नई प्राथमिकता में परिवर्तित करने के लिए संबंधित विधायक के साथ लोक निर्माण विभाग आग्रह करे ताकि नाबार्ड द्वारा वित्त पोषित होने वाली योजनाओं को अमलीजामा पहनाया जा सके।

वहीं, लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता दिवाकर पठानिया ने कहा कि सड़कों और पुलों की कुछ योजनाएं निजी भूमि विवाद या वन भूमि के कारण अभी लंबित हैं। उपायुक्त ने कहा कि इस तरह की तमाम योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए लोक निर्माण विभाग के अधिकारी स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ वार्ता करें ताकि योजनाओं के निर्माण के लिए भूमि उपलब्ध हो सके। लोगों को भी सड़कों के महत्व को समझते हुए स्वयं आगे आना चाहिए। बैठक में नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक साहिल स्वांगला, जिला योजना अधिकारी गौतम शर्मा के अलावा उपमंडलीय मृदा संरक्षण अधिकारी वाईआर चौहान और डा. शैलेश सूद भी मौजूद रहे।

बड़ी योजनाओं को प्राथमिकता दें

उपायुक्त ने जलशक्ति विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि विभाग छोटी स्कीमों के बजाय बड़ी योजनाओं को प्राथमिकता दे। उन्होंने विभाग को पेयजल गुणवत्ता की भी निरंतर जांच करने के निर्देश दिए। जलशक्ति विभाग के अधीक्षण अभियंता रोहित दुबे ने बताया कि चंबा जिला में कुछ बड़ी पेयजल योजनाओं के कार्य भी प्रगति पर हैं। अभी हाल ही में 18 करोड़, 13 करोड़ और 10 करोड़ की लागत से बनने वाली तीन योजनाओं को भी मंजूरी मिली है। उपायुक्त ने कहा कि चंबा नगर में शेष बचे वे उपभोक्ता जिन्होंने अभी सीवरेज सुविधा से जुड़ना है, उन्हें विभाग आवश्यक ढांचा मुहैया करवाए। इसके बाद भी यदि कोई उपभोक्ता सीवरेज कनेक्शन लेने से गुरेज करता है तो उसके खिलाफ विभाग प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और नगर परिषद के साथ मिलकर संयुक्त रूप से कार्रवाई सुनिश्चित करे।

वहीं, जलशक्ति विभाग घरों में रोजाना पेयजल आपूर्ति, खपत और पानी में ब्लीचिग पाउडर की मात्रा की ऑनलाइन जानकारी के लिए वेब आधारित सिस्टम तैयार करने की दिशा में भी आगे बढ़ रहा है। इस कार्य को विभाग टाटा कंसल्टेंसी के माध्यम से शुरू करने जा रहा है। उपायुक्त ने निर्देश दिए कि जलशक्ति विभाग चंबा जिला में भी इस संबंध में पायलट प्रोजेक्ट तैयार करे ताकि उसके क्रियान्वयन और उपयोगिता का आकलन किया जा सके।


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