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महाविद्यालयों में स्टाफ की कमी पर बिफरी एबीवीपी

जिला चंबा के तहत आने वाले राजकीय महाविद्यालयों में स्टाफ व मूलभूत सुविधाओं की कमी है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Mar 2021 05:11 PM (IST)Updated: Wed, 03 Mar 2021 05:11 PM (IST)
महाविद्यालयों में स्टाफ की कमी पर बिफरी एबीवीपी
महाविद्यालयों में स्टाफ की कमी पर बिफरी एबीवीपी

संवाद सहयोगी, चंबा : जिला चंबा के तहत आने वाले राजकीय महाविद्यालयों में स्टाफ व मूलभूत सुविधाओं की कमी सहित अन्य मांगों को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने धरना प्रदर्शन किया। धरना प्रदर्शन चंबा महाविद्यालय में किया गया।

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एवीबीपी कार्यकर्ताओं ने मांगों को लेकर जमकर नारेबाजी की। उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक सरकार द्वारा मांगों को पूरा नहीं किया जाता है, तब तक एबीवीपी इसी तरह धरना प्रदर्शन जारी रखेगी। इकाई अध्यक्ष विक्की वर्मा ने कहा कि जिला चंबा के महाविद्यालयों की स्थिति काफी दयनीय है। यहां की शैक्षणिक व्यवस्था चरमरा चुकी है। राजकीय महाविद्यालय भरमौर, तेलका, सलूणी, तीसा तथा भलेई सहित अन्य महाविद्यालयों में प्राध्यापकों के रिक्त पद छात्र-छात्राओं की चिता बढ़ा रहे हैं। उन्होंने मांग की है कि महाविद्यालय तेलका, भलेई, लिल्लकोठी तथा भरमौर के भवनों के निर्माण कार्य जल्द पूरे किए जाएं। पीजी कॉलेज चंबा में एमकॉम की कक्षाएं शुरू की जाएं।

उन्होंने कहा कि जिला चंबा में सड़कों की दयनीय हालत बढ़ती जा रही है। सड़कों की स्थिति में सुधार किया जाए। मेडिकल कॉलेज चंबा में डाक्टरों व स्टाफ की सही व्यवस्था की जाए तथा उनके रिक्त पद भरे जाएं। चंबा मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्य को गति दी जाए। महाविद्यालयों के शौचालयों में सफाई की उचित व्यवस्था हो। महाविद्यालयों में बाहरी तत्वों के प्रवेश पर रोक लगाई जाए। जिला चंबा के स्कूलों में अध्यापकों के रिक्त पद भरे जाएं तथा उनकी शैक्षणिक व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए। जब तक उक्त मांगें पूरी नहीं होंगी, तब तक एबीवीपी का आंदोलन थमने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार प्रदेश सरकार एबीवीपी की मांगों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दे रही है, उससे सभी मांगों के जल्द पूरा होने की उम्मीद जगी है। प्रदेश सरकार ने लिल्लकोठी महाविद्यालय में प्राध्यापकों की नियुक्ति कर जिला चंबा को आशा की एक किरण दिखाई है। महाविद्यालयों में बेहतर शिक्षा की उम्मीद तभी की जा सकती है जब प्राध्यापकों सहित स्टाफ की कमी को दूर किया जाए।


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