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आशा वर्कर्स तीन दिन नहीं करेंगी काम

कोरोना संकट में लोगों को जागरूक करने के लिए फ्रंटलाइन पर काम

By JagranEdited By: Published: Sat, 01 Aug 2020 05:23 PM (IST)Updated: Sat, 01 Aug 2020 05:23 PM (IST)
आशा वर्कर्स तीन दिन नहीं करेंगी काम
आशा वर्कर्स तीन दिन नहीं करेंगी काम

संवाद सहयोगी, चुवाड़ी : कोरोना संकट में लोगों को जागरूक करने के लिए फ्रंटलाइन पर काम कर रही आशा वर्कर्स अनदेखी से आक्रोशित हैं। अन्य मांगें तो पूरा होना तो दूर की बात मानदेय भी उन्हें समय पर नहीं मिल रहा है। समोट ब्लॉक में हाल यह है कि आशा वर्कर्स को दो माह का मानदेय नहीं मिला है। अब 150 आशा वर्कर्स का सब्र का बांध टूट गया है और उन्होंने तीन दिन तक कार्य न करने का निर्णय लिया है।

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आशा वर्कर्स यूनियन की नार्थ जोन की अध्यक्ष रमा और महासचिव पूजा ने कहा कि कोरोना महामारी के इस दौर में प्रदेश में आशा वर्कर बीते छह माह से लगातार अपनी जान को जोखिम में डाल कर कार्य कर रही हैं। इस दौरान उन्हें संक्रमण का भी खतरा बना रहता है। इसके बावजूद उन्हें महज 1500 रुपये मासिक मानदेय मिलता है। यह स्थितिऊंट के मुंह में जीरे के समान है।

वे बताती हैं कि समोट ब्लॉक की आशा वर्कर्स को बीते दो माह से मानदेय नहीं मिला है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जुलाई में एलान किया था कि प्रदेश की 7809 आशा वर्कर्स को तीन दिन में स्मार्ट फोन मिलेंगे। इस बात को एक महीना होने को आया है लेकिन अभी भी आशा वर्कर्स को स्मार्ट फोन नहीं मिले हैं। जुलाई व अगस्त के दौरान प्रदेश सरकार राज्य की सभी आशा वर्कर्स को 2000 हजार रुपये प्रतिमाह प्रोत्साहन देने का एलान किया था। प्रोत्साहन राशि तो दूर अभी तक दो माह का वेतन भी नहीं मिला है। 1500 रुपये के हिसाब से इनकी दिहाड़ी महज 50 रुपये प्रतिदिन बनती है, जो एक दिहाड़ीदार मजदूर से भी बहुत कम है। सरकार उन्होंने सरकार से मांग की है कि उनके वेतन को बढ़ाया जाए।

स्वास्थ्य विभाग व प्रदेश सरकार की कोरोना से जारी जंग में वे अहम रोल निभा रही हैं तो उनकी अनदेखी क्यों की जा रही है। होम क्वारंटाइन किए लोगों के घर तक पहुंच कर वे उन्हें स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों का पालन करने के लिए जागरूक कर रही हैं। उनका मानदेय देने में बजट की व्यवस्था व प्रावधान करने में देरी क्यों हो रही है, इसका पता लगाकर उनसे इंसाफ किया जाए।

उधर, बीएमओ समोट सतीश फोतेदार कहते हैं कि उन्हें तो इस बात की जानकारी ही नहीं है कि आशा वर्कर्स ने तीन दिन तक कार्य न करने का फैसला लिया है। रही बात मानदेय वेतन न मिलने की तो आशा वर्कर्स को बीते महीने का मानदेय अभी तक बजट न होने के कारण नहीं मिला है। एक या दो दिनों में इसे अदा कर दिया जाएगा।


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