मेडिकल कॉलेज चंबा में शौचालयों के दरवाजे टूटे
मेडिकल कॉलेज बनने के बाद अस्पताल में मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी जरूर हुई। लेकिन शौचालयों में कोई सुधार नहीं हुआ। हर वार्ड में महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग शौचालय बनाए गए हैं। लेकिन इन शौचालयों की दयनीय हालत की वजह से मरीज और तीमारदार परेशान हैं। उन्होंने जिला प्रशासन और मेडिकल कॉलेज प्रबंधन से मांग की कि शौचालयों की दयनीय हालत में शीघ्र सुधार लाया जाए। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेश गुलेरी ने बताया कि जल्द ही शौचालयों की हालत को सुधारा जाएगा। यहां नए दरवाजे बनाने का कार्य किया जा रहा है।
संवाद सहयोगी, चंबा : मेडिकल कॉलेज चंबा की तीसरी मंजिल में शौचालयों की हालत काफी खराब है। शौचालयों के दरवाजे टूट चुके हैं। मरीज बिना दरवाजे वाले शौचालयों का इस्तेमाल करने के लिए मजबूर हैं। शौचालयों के अंदर दीवारों में पानी का रिसाव हो रहा है। इसे ठीक करवाने के लिए गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है।
शौचालयों के दरवाजे टूटने से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। चंबा जिले की सवा छह लाख की आबादी स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए मेडिकल कॉलेज चंबा पर निर्भर है। इसके बावजूद मेडिकल कॉलेज चंबा की तृतीय मंजिल मरीजों, तीमारदारों और चिकित्सीय स्टाफ के लिए परेशानी बन सकती है। तीमारदार राकेश कुमार, चमन सिंह, योगराज, सुनील कुमार, नरेंद्र, चैन लाल, केवल कुमार, सुरेंद्र व भाग सिंह ने कहा कि अस्पताल के शौचालयों की हालत दिन-प्रतिदिन खस्ता होती जा रही है। मेडिकल कॉलेज बनने के बाद अस्पताल में मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी जरूर हुई लेकिन शौचालयों में कोई सुधार नहीं हुआ है।
उन्होने कहा कि हर वार्ड में महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग शौचालय बनाए गए हैं। इन शौचालयों की दयनीय हालत की वजह से मरीज और तीमारदार परेशान हैं। उन्होंने जिला प्रशासन और मेडिकल कॉलेज प्रबंधन से मांग की है कि शौचालयों की दयनीय हालत में शीघ्र सुधार लाया जाए। वहीं, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेश गुलेरी ने कहा कि शौचालयों की हालत को जल्द सुधारा जाएगा। नए दरवाजे लगाने के लिए कार्य किया जा रहा है।