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एसएमसी शिक्षकों के लिए बनाई जाए ठोस नीति

तक मांग पूरी नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार से एसएमसी शिक्षकों को काफी उम्मीदें हैं। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि एसएमसी शिक्षकों को जल्द से जल्द अनुबंध पर लाया जाए ताकि उनके परिवार का पालन-पोषण सही ढंग से हो सके। मौजूदा समय में चंबा में 2630 शिक्षक चंबा में सेवाएं दे रहे हैं। जिन्हें उर्दु व पंजाबी शिक्षकों की तर्ज पर अनुबंध में लाया जाए।

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Feb 2020 04:37 PM (IST)Updated: Sun, 16 Feb 2020 04:37 PM (IST)
एसएमसी शिक्षकों के लिए बनाई जाए ठोस नीति
एसएमसी शिक्षकों के लिए बनाई जाए ठोस नीति

संवाद सहयोगी, चंबा : पीरियड बेसिक एसएमसी टीचर एसोसिएशन चंबा ने मांगों को लेकर सदर विधायक पवन नैयर को ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर एसोसिएशन के पदाधिकारियों व सदस्यों ने कहा कि उन्होंने कहा कि एसएमसी शिक्षक पांच से सात वर्षो से प्रदेश के दूरदराज क्षेत्रों में बेहद कम मेहनताने पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन अभी तक उनके लिए कोई ठोस नीति नहीं बनाई जा सकी है। यहां तक कि शिक्षकों के इस वर्ग के लिए साल में एक भी अवकाश की व्यवस्था उपलब्ध नहीं हो पाई है। इससे एसएमसी शिक्षकों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। संघ ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि एसएमसी शिक्षकों के लिए जल्द से जल्द ठोस नीति बनाई जाए, ताकि शिक्षकों व उनके परिवारों का जीवन स्तर सुधर सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश में विभिन्न सरकारी स्कूलों में हजारों से भी अधिक एसएमसी शिक्षक पूरी ईमानदारी के साथ अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन अभी तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया है। लेकिन इसके बावजूद उनके लिए कोई ठोस नीति नहीं बनाई जा रही है, जिससे उन्हें महज निराशा ही हाथ लग रही है। शिक्षकों का यह वर्ग लंबे समय से अनुबंध पर लाने की मांग कर रहा है, लेकिन अभी तक मांग पूरी नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार से एसएमसी शिक्षकों को काफी उम्मीदें हैं। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि एसएमसी शिक्षकों को जल्द से जल्द अनुबंध पर लाया जाए, ताकि उनके परिवार का पालन-पोषण सही ढंग से हो सके। मौजूदा समय में चंबा में 2630 शिक्षक चंबा में सेवाएं दे रहे हैं। जिन्हें उर्दु व पंजाबी शिक्षकों की तर्ज पर अनुबंध में लाया जाए।

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