भुंतर से आजोग के बीच उड़ान, 34 यात्री हुए आरपार
पांगी घाटी के लोगों के लिए शुक्रवार का दिन फिर से राहत लेकर आया। कुल्लू के भुंतर से पांगी घाटी स्थित आजोग हेलीपैड़ तथा आजोग से भुंतर के बीच उड़ान करवाई गई। इस दौरान जहां भुंतर से आजोग 16 यात्री पहुंचे। वहीं आजोग से भुंतर के लिए 1
संवाद सहयोगी, पांगी : बर्फबारी के बाद आफत में फंसे घाटी के लोगों के लिए शुक्रवार को राहत मिली। कुल्लू के भुंतर से पांगी घाटी स्थित आजोग हेलीपैड तथा आजोग से भुंतर के बीच उड़ान करवाई गई। इस दौरान जहां भुंतर से आजोग 16 यात्री पहुंचे। वहीं, आजोग से भुंतर के लिए 18 यात्री गए। कुल मिलाकर 34 यात्री शुक्रवार को घाटी से आरपार हुए। गौरतलब है कि सैकड़ों लोगों ने भुंतर तथा चंबा जाने के लिए आवेदन किया था। बर्फबारी के दौरान कम उड़ानें होने के कारण भले ही लोगों को कुछ हद तक दिक्कतों का सामना करना पड़ा, लेकिन, जैसे ही मौसम साफ हुआ, उसके बाद पांगी घाटी के लिए उड़ानों का सिलसिला शुरू हो गया। शुक्रवार को आजोग से जैसे ही उड़ान होने के बारे में यात्रियों को सूचना मिले। वे तुरंत हेलीपैड पर पहुंच गए। भारी बर्फबारी के बाद घाटी का संपर्क शेष विश्व से पूरी तरह से कट जाता है, जिस कारण लोग घरों में कैद होकर रह जाते हैं। ऐसे में घाटी से बाहर निकलने व बाहर फंसे लोगों को घाटी तक पहुंचने के लिए हवाई उड़ान ही एकमात्र विकल्प बच जाता है। हवाई उड़ान के लिए सैकड़ों लोगों द्वारा आवेदन किया जाता है। हालांकि, दिसंबर तथा जनवरी माह के दौरान भारी बर्फबारी होने तथा मौसम के बार-बार खराब होने के चलते लोगों की दिक्कतें जरूर बढ़ी हुई थीं। महज किलाड़ हेलीपैड से ही कुछ उड़ानें हुई थीं, जबकि, अन्य हेलीपैड के लिए उड़ान सुरक्षित न होने के चलते वहां पर हेलीकॉप्टर नहीं पहुंच पाया था। जनजातीय विकास विभाग द्वारा भुंतर से आजोग तथा आजोग से भुंतर के लिए उड़ान करवाई गई है। उड़ान होने से 34 यात्री घाटी के आरपार हुए हैं। घाटी से चंबा तथा भुंतर के लिए जरूरत के मुताबिक उड़ानें करवाई जा रही हैं।
गुरदेव राणा, बुकिग अधिकारी आजोग पुरथी।