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कुलाल जंगल में देवदार के हरे पेड़ों पर चली कुल्हाड़ी

पांगी घाटी की ग्राम पंचायत मिधल के कुलाल जंगल में देवदार के हरे पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलाने का मामला सामने आया है। लोगों का कहना है कि जंगल में दो हरे पेड़ों को काट दिया गया। लेकिन अभी तक इन्हें काटने वालों के खिलाफ संबंधित विभाग द्वारा कोई भी कार्रवाई अमल में नहीं गई है। जिस स्थान पर पेड़ों को काटा गया है उसके साथ ही आम रास्ता लगता है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि रास्ते के साथ ही हरे पेड़ों को काटे जाने की सूचना से विभाग इन्कार कर रहा है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसा कैसे हो सकता है कि रास्ते के साथ ही पेड़ कट जाएं तथा इसका पता संबंधित विभाग को न चले।

By JagranEdited By: Published: Mon, 15 Jul 2019 05:09 PM (IST)Updated: Mon, 15 Jul 2019 05:09 PM (IST)
कुलाल जंगल में देवदार के हरे पेड़ों पर चली कुल्हाड़ी
कुलाल जंगल में देवदार के हरे पेड़ों पर चली कुल्हाड़ी

संवाद सहयोगी, पांगी : पांगी घाटी की पंचायत मिधल के कुलाल जंगल में देवदार के हरे पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलाने का मामला सामने आया है। जंगल में देवदार के दो पेड़ों को काटा गया है लेकिन अभी तक आरोपितों के खिलाफ वन विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की है। जिस स्थान पर पेड़ों को काटा गया है, उसके साथ रास्ता है, लेकिन रास्ते के साथ ही हरे पेड़ों को काटने की सूचना से विभाग इन्कार कर रहा है।

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लोगों ने सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसा कैसे हो सकता है कि रास्ते के साथ ही पेड़ कट जाएं तथा इसका पता संबंधित विभाग को न चले। उन्होंने कहा कि यदि किसी को टीडी के तौर पर भी पेड़ काटने की इजाजत दी जाती है तो भी कोई व्यक्ति हरे पेड़ों पर कुल्हाड़ी नहीं चला सकता है। क्योंकि यह नियमों के खिलाफ है। टीडी के तौर पर मिलने वाला पेड़ सूखा होना चाहिए। विभाग द्वारा भी सूखे पेड़ को ही टीडी के तौर पर दिया जाता है। जबकि कुलाल जंगल में हरे पेड़ों को काटा गया है। लोगों का कहना है आम रास्ते के साथ लगते जंगल में ऐसा किया जा रहा है तो फिर दूरदराज के जंगलों में क्या हो रहा होगा। यह विचार करने का विषय है। अगर यही हाल रहा तो आने वाले समय मे पांगी में जंगल भी बंजर दिखेगा। प्रदेश में अगर जंगलों के फैलाव की बात की जाए तो पांगी उपमंडल में काफी फैलाव है। यहां के जंगल अभी तक बचे हुए हैं, लेकिन यदि इस तरह से पेड़ों का कटान जारी रहता है तो इसका खामियाजा यहां के लोगों तथा जलवायु को भुगतना पड़ेगा। लोगों ने सरकार से मांग की है कि इसकी छानबीन की जाए तथा दोषी पाए जाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाए।

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मुझे लोगों ने जानकारी नहीें दी है। हरे पेड़ टीडी में नहीं दिए जा सकते हैं। अगर ऐसा हुआ है तो इसकी छानबीन की जाएगी। यदि कोई व्यक्ति दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। विभाग जंगलों की रक्षा के लिए सदैव कार्य कर रहा है।

-सन्नी वर्मा, वनमंडल अधिकारी, पांगी।


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