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आजादी के 72 साल बाद भी नसीब में नहीं भाग्य रेखा

ग्राम पंचायत खजुआ के करीब 14 गांव आजादी के 72 साल बाद भी सड़क से नहीं ज

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 May 2019 07:14 PM (IST)Updated: Tue, 07 May 2019 06:40 AM (IST)
आजादी के 72 साल बाद भी नसीब में नहीं भाग्य रेखा
आजादी के 72 साल बाद भी नसीब में नहीं भाग्य रेखा

शकूर अहमद, तीसा

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ग्राम पंचायत खजुआ के करीब 14 गांव आजादी के 72 साल बाद भी सड़क से नहीं जुड़ पाए हैं, जिससे यहां का विकास पूरी तरह से रुका हुआ है। स्थानीय लोगों के मुताबिक जब भी चुनाव होते हैं तो नेता यहां की जनता से वोट मांगने के लिए पहुंच जाते हैं। साथ ही सड़क सुविधा देने का वादा भी किया जाता है, लेकिन आज तक यहां के लिए सड़क सुविधा नहीं प्रदान की गई है। नतीजतन इन गांव के लोग आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए प्रतिदिन परेशान होते हैं। खजुआ पंचायत के इन गांवों को सड़क से जोड़ने के लिए पंचायत प्रतिनिधियों ने कई बार प्रदेश सरकार व लोक निर्माण विभाग से गुहार लगाई, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है।

ग्रामीणों में रोष है कि पंचायत के शलान व मंद्राला सहित कुछ ऐसे गांव भी हैं, जहां से सड़क की दूरी करीब दस किलोमीटर है। ऐसे में उन्हें घर से सड़क तथा सड़क से घर पहुंचने में करीब 20 किलोमीटर का पैदल सफर करने को मजबूर होना पड़ रहा है। सड़क तक पहुंचने के लिए घने जंगल व जंगली जानवरों का भी सामना करना पड़ रहा है। इसलिए लोगों को सड़क तक पहुंचने के लिए टोली बनाकर चलना पड़ता है क्योंकि, अकेला पाकर जंगली जानवर भी हमला कर देते हैं। ग्रामीणों को भवन निर्माण सामग्री घर तक पहुंचाने के लिए खच्चरों का सहारा लेना पड़ रहा है, जिससे उन पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ रहा है। यदि कोई व्यक्ति बीमार पड़ जाए तो उसे सड़क तक पहुंचाने में ही काफी समय लग जाता है। इससे कई बार गंभीर बीमार व्यक्ति रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं। लोगों का कहना है कि नेता चुनाव के समय बड़े-बड़े वादे करते हैं, लेकिन बाद में भूल जाते हैं। इसलिए इस बार सोच समझकर ही मतदान किया जाएगा।

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इन गांवों में नहीं पहुंची भाग्य रेखा

ग्राम पंचायत खजुआ के बिहाली, कराटोट, तिलहान, कंडोडी, चालोई, गंडलेई, बाला, बलुआस, शलाहन, मंद्राला, ठोल, सरमांदू, चालोई-दो, कंडोडी-दो सहित अन्य गांवों में अभी सड़क नहीं पहुंची है। इन गांव के लोग प्रतिदिन घने जंगल के रास्ते पांच से दस किलोमीटर पैदल सफर करते हैं।

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कई बार नेताओं तथा विभाग को अवगत करवाया जा चुका है, लेकिन इसके बावजूद उक्त गांवों तक सड़क निर्माण के लिए कोई भी कार्य नहीं किया जा रहा है। इस कारण स्थानीय लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। एस बार फिर से प्रस्ताव पारित कर विभाग को अवगत करवाया जाएगा।

-नंद लाल, उपप्रधान ग्राम पंचायत खजुआ।

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गांव में सड़क न पहुंचने के कारण विकास कार्य बहुत धीमी गति के साथ हो रहे हैं। सड़क के अभाव में गांव तक गृह निर्माण सहित अन्य सामग्री को पहुंचाना काफी मुश्किल हो जाता है। इसलिए सड़क का जल्द निर्माण किया जाए। इसके लिए कई बार गुहार भी लगाई जा चुकी है।

-रसीद मोहम्मद, पूर्व प्रधान ग्राम पंचायत खजुआ।

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ग्रामीण सड़क निर्माण को लेकर कई बार मांग कर चुके हैं, लेकिन इस मांग की ओर स्थानीय नेताओं व सरकार द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है।

-रफी मोहम्मद, खजुआ पंचायत।

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हर गांव का विकास सड़क पर ही निर्भर करता है। यदि सड़क न हो तो वहां पर जीवन बिताने के लिए परिस्थितियां काफी कठिन हो जाती हैं। सरकार व विभाग जल्द से जल्द समस्या का समाधान कर सड़क निर्माण करे।

-दीन मोहम्मद, खजुआ पंचायत।

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भाजपा सरकार द्वारा गांव-गांव तक सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। जिन गांवों तक सड़क नहीं पहुंच पाई है, उनके लिए सरकार द्वारा प्रयास जारी हैं, ताकि अधिक से अधिक गांवों तक सड़क पहुंचाकर लोगों को लाभांवित किया जा सके।

शांता कुमार, सांसद कांगड़ा-चंबा।

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भाजपा विकास करवाने में विश्वास रखती है। भाजपा द्वारा लगातार गांव-गांव को सड़क सुविधा से जोड़ा जा रहा है। प्राथमिक तौर पर करवाए जाने वाले कार्यो की लिस्ट तैयार की जा रही है, जिन्हें अमलीजामा पहनाया जाएगा।

-किशन कपूर, भाजपा सांसद प्रत्याशी।

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जितना भी विकास हुआ है, वह कांग्रेस के कार्यकाल के दौरान ही हुआ है। भाजपा की सरकार आने के बाद विकास कार्यो की रफ्तार कम हुई है। गांव-गांव को सड़क से जोड़ने के प्रयास रहेगा, ताकि लोगों की दिक्कतें हल हो सकें।

-पवन काजल, कांग्रेस सांसद प्रत्याशी।


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