Move to Jagran APP

पगडंडियों पर खुद को संभाल रही जिंदगी

चंबा जिला के भंजोत्रा पंचायत के 13 गांव अभी तक पगडंडियों के सहारे है

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Sep 2020 07:27 PM (IST)Updated: Fri, 18 Sep 2020 05:16 AM (IST)
पगडंडियों पर खुद को संभाल रही जिंदगी
पगडंडियों पर खुद को संभाल रही जिंदगी

पवन भारद्वाज, तेलका

loksabha election banner

चंबा जिला के भंजोत्रा पंचायत के 13 गांव अभी तक पगडंडियों के सहारे हैं। पगडंडियों पर गिरते संभलते करीब सात किलोमीटर पैदल चलकर मुख्य सड़क तक पहुंचते हैं। जरूरत का सामान पीठ पर उठाकर घर तक पहुंचाना पड़ता तो बीमार का समय पर करवाना चुनौती से कम नहीं। भंजोत्रा पंचायत के इन गांव का दर्द अब तक किसी ने महसूस नहीं किया है। यही वजह है कि पंगडडियों पर जिंदगी खुद को किसी तरह संभाले हुए है।

लोक निर्माण विभाग मंडल सलूणी के अंतर्गत ग्राम पंचायत भजोत्रा के 13 गांवों के हिस्से अभी तक सड़क नहीं है। शाल्ला, मटवाड़, रणहोटी, द्रोड़, जलेली, डिभरू, भोता, सिरोटी, चटेला, कुंडेली, पोठा, भिड़ व चीण आदि गांवों की आबादी करीब दो हजार है लेकिन उनके नसीब में कोई भाग्य रेखाएं नहीं खींच पाया है। भवन सामग्री घर तक पहुंचाने में जेबें ढीली हो जाता है। सामान से ज्यादा ढुलाई के पैसे देने पड़ जाते हैं। ऐसे में इन गांवों के लोग विकास व आर्थिक तौर पर पिछड़ते जा रहे हैं। ग्रामीण कहते हैं कि वे सिर्फ वोट की राजनीति तक ही सीमित होकर रह गए हैं। प्रशासन व सरकार उनकी उपेक्षा कर रहा है। यदि लम्हाला से कुंडेली गांव को सड़क बनाई जाती है तो भजोत्रा पंचायत के इन गांव के दिन फिर जाएंगे।

--------

भजोत्रा पंचायत के गांव आजादी के बाद भी सड़क सुविधा से वंचित हैं। गांव आबादी के हिसाब से सड़क सुविधा का हक रखते हैं। मीलों पैदल सफर करके सड़क तक पहुंचना पड़ रहा है।

विनोद कुमार, निवासी दरोड।

-------

गांव में सड़क सुविधा न होने से आवश्यक सामग्री पीठ पर या खच्चरों पर लादकर अपने घरों को लानी पड़ती है। इससे समय व पैसे की बर्बादी होती है। गांव में जीप योग्य सड़क नही है।

टेक चंद, निवासी भजोत्रा।

----------------------

गृह निर्माण सामग्री की अधिक ढुलाई देनी पड़ती है। रेत, सीमेंट व बजरी घर तक पहुंचाने के लिए भाड़ा बहुत अधिक है। इससे उनकी दिक्कतें तो बिलकुल दूर होती नहीं दिख रही हैं।

निधिया, निवासी भजोत्रा।

------

बीमार को सड़क तक पहुंचाने में बड़ी मुश्किल होती है। गर्भवती महिला को भी पालकी में डालकर सड़क तक पहुंचाना पड़ता है। तब जाकर अस्पताल पहुंचने के लिए गाड़ी मिलती है।

नीलक, निवासी भजोत्रा।

-----------------------

लोगों की समस्या के मद्देनजर लम्हाला से कुंडेली गांव के लिए सड़क का सर्वेक्षण करवा दिया जाएगा। इसके बाद आगामी औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी। इसके बाद ही सड़क बनाने की प्रक्रिया को अंजाम दिया जाएगा।

भूपेंद्र सिंह, सहायक अभियंता लोनिवि भलेई।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.