स्कूल स्तर से ही पर्यावरण के मित्र बनेंगे बच्चे
वनों की रक्षा करने के लिए वन विभाग लगातार कार्य कर रहा है ।
वनों की रक्षा करने के लिए वन विभाग लगातार कार्य कर रहा है। वनों को सुरक्षित बनाए रखने के लिए वर्तमान में सरकार द्वारा भी कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। इससे वनों को बचाने के साथ पुराने वनों को दोबारा हरा भरा बनाने में भी मदद मिलेगी। वन विभाग द्वारा विद्यालय के स्तर से ही बच्चों को वनों के संरक्षण के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इन सभी विषयों पर दैनिक जागरण के आशुतोष डोगरा ने डीएफओ बिलासपुर सरोज पटेल से बातचीत की। पेश हैं बातचीत के अंश।
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-वनों के संरक्षण के लिए विभाग के पास क्या योजनाएं हैं?
वनों के संरक्षण के लिए विभाग के पास सामुदायिक वन संरक्षण योजना, छात्र मित्र योजना व वन जन समृद्धि योजनाएं हैं। इन योजनाओं के माध्यम से लोगों को वनों के साथ जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। सामुदायिक वन संरक्षण योजना के तहत विभाग द्वारा वनों की रक्षा व उसके संरक्षण के लिए जेएफएमसी कमेटी का गठन किया जाता है। यह कमेटी पुराने वनों व कम पेड़ों वाले वनों का संरक्षण 25 साल से अधिक के लिए करती है, जिससे पुराने वनों को दोबारा हरा-भरा किया जा सके। इसके अलावा स्कूल स्तर पर छात्र मित्र योजना से स्कूली बच्चों को वनों की रक्षा करने के लिए प्रेरित किया जाता है। इसमें वन विभाग के अलावा शिक्षा विभाग व अन्य विभागों की भी मदद ली जाती है। इस योजना में पौधरोपण से लेकर उन पौधों के संरक्षण के लिए बच्चे शिक्षकों की देखरेख में कार्य करते हैं।
-आगामी मौसम में पौधरोपण करने के लिए उपयुक्त समय आ रहा है। विभाग का इस बार क्या लक्ष्य है।
विभाग द्वारा लगातार समय-समय पर नए पौधों को लगाने कार्य किया जाता है। आगामी बारिश का समय साल में पौधरोपण के लिए सबसे अच्छा समय होता है। इस बार भी विभाग 500 पौधे प्रति हेक्टेयर लगाएगा। इसमें अन्य विभागों व संस्थाओं के साथ मिलकर कार्य किया जाएगा।
-पौधे लगाने के बाद संरक्षण किस प्रकार किया जाएगा।
पौधों का संरक्षण करना सबसे जरूरी कार्य है। इसे पूरा करने के लिए वन विभाग अपने स्तर पर लगातार प्रयास कर रहा है। विभाग द्वारा जो पौधरोपण किया जाता है उसकी आगामी पांच साल तक देखरेख की जाती है ताकि वह पौधा पेड़ बन सके।
-वनों के कटान, आग की घटनाओं पर विभाग कैसे काबू पा सकेगा।
वनों का कटान व आग लगने की घटनाएं सबसे गंभीर विषय है। इसके लिए विभाग समय समय पर वन रक्षकों को प्रशिक्षण देता है। इस पर रोक लगाने के लिए जनता का जागरूक होना भी जरूरी है। विभाग यह अपील करता है कि अगर अवैध कटान व वनों से जुड़ी कोई जानकारी किसी को पता चलती है तो वह विभाग को इसकी जानकारी दे। यह जानकारी गुप्त रखी जाएगी। इसके अलावा फायर सीजन को लेकर भी लोगों को सीजन शुरू होने पहले जागरूक किया जाता है। आग लगने के कारण ही जंगलों को सबसे अधिक नुकसान पहुंचता है। इस पर सभी को जागरूक होकर कार्य करने की जरूरत है।