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मिहाड़ा में पेयजल संकट से जूझ रहे लोग

संवाद सहयोगी, भराड़ी : जनस्वास्थ्य एवं ¨सचाई विभाग उपमंडल भराड़ी के गांव मिहाड़ा में बरसात

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Jul 2018 04:40 PM (IST)Updated: Sat, 21 Jul 2018 04:40 PM (IST)
मिहाड़ा में पेयजल संकट से जूझ रहे लोग
मिहाड़ा में पेयजल संकट से जूझ रहे लोग

संवाद सहयोगी, भराड़ी : जनस्वास्थ्य एवं ¨सचाई विभाग उपमंडल भराड़ी के गांव मिहाड़ा में बरसात में भी लोग पेयजल किल्लत से जूझ रहे हैं। गांव मिहाड़ा में पिछले कई वर्ष से पानी की समस्या बनी हुई है। लोग आइपीएच विभाग को कई बार समस्या से अवगत करा चुके हैं लेकिन इसका अभी तक कोई हल नहीं निकला है। स्थानीय लोगों के अनुसार माह में तीन या चार बार पानी आता है। यह भी निश्चित नहीं है कि पानी कब आएगा कब नहीं। पानी का इंतजार करते करते हफ्ता गुजर जाता है।

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ब्रह्माी देवी का कहना है कि सप्ताह बाद भी पानी पर्याप्त मात्रा में नहीं आता है। विभाग द्वारा इस स्कीम को ठेकेदार के पास देने के बाद यह समस्या बनी हुई है। विभाग को बार बार शिकायत देने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। लोग दूसरे लोगों से बोरवैल से पानी भर कर गुजारा कर रहे हैं।

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दुर्गी देवी का कहना है कि पानी का इंतजार करते-करते हफ्ता बीत जाता है। पानी छोड़ने के लिए रखा गया वाटरगार्ड कई दिनों तक दिखाई नहीं देता है। वाटरगार्ड कब पानी छोड़ता है इसका भी लोगों को पता नहीं चल पाता है। बरसात में भी वे लोग पेयजल किल्लत से जूझ रहे हैं।

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राजेश कुमार शर्मा ने कहा कि गर्मी में भी उन्हें पेयजल संकट से जूझना पड़ा था। अब बरसात शुरू होने से पेयजल संकट के खत्म होने की आस बंधी थी लेकिन हालात नहीं बदले हैं। पेयजल किल्लत उनका पीछा नहीं छोड़ रही है। विभाग व ठेकेदार को समस्या से अवगत करवाने के बावजूद समाधान नहीं हो रहा है।

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अमरी देवी का कहना है कि सही समय पर पानी न आने के कारण उनका आधा समय तो पानी का इंतजाम करने में ही बीत जाता है। ऐसे में उनके दैनिक कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं। पशुओं के पीने के लिए पानी भी हैंडपंप से लाना पड़ रहा है। इस हैंडपंप का पानी पीने के योग्य नहीं है। विभाग को लोगों की समस्या के समाधान की ओर ध्यान देना चाहिए।

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अमर चंद का कहना है कि पानी न आने के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को पानी लाने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। नजदीक में कोई पेयजल स्त्रोत न होने के कारण लोगों को नल से आने वाले पानी पर ही निर्भर रहना पड़ता है। ऐसे में यदि नल में भी पानी नहीं आएगा तो लोग कहां जाएंगे।

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सुषमा रानी बरसात में पानी न मिले तो इससे परेशानी और क्या हो सकती है। पहले पानी की कोई समस्या नहीं थी। जब से ठेकेदार द्वारा पानी दिया जा रहा है तब से पानी की समस्या पैदा हो गई है। लोगों की समस्याओं को देखते हुए विभाग को ठेकेदार को इस समस्या का समाधान करने के लिए निर्देश जारी करने चाहिए।

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सुषमा देवी का कहना है कि लोगों को पानी लाने के लिए पूरा दिन इंतजार करना पड़ता है। कभी तो पानी चार या पांच दिन बाद आता है। लोगों को पानी का इंतजाम करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है। अवगत करवाने के बाद भी समस्या का समाधान न होना विभाग की लापरवाही को दर्शाता है।

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ठेकेदार किशोरी लाल ने कहा कि पानी कीकिल्लत होनी नहीं चाहिए। मगर वाटरगार्ड को पानी छोड़ कर लाइन चेक करने को कह दिया है। लोगों को बेहतर तरीके से पेयजल आपूर्ति करने के लिए हमेशा शतप्रतिशत प्रयास किया जाता है।

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आइपीएच विभाग के उपमंडल भराड़ी के सहायक अभियंता बीएल डोगरा का कहना है कि स्कीम ठेकेदार के पास है। ठेकेदार को नोटिस कर दिया जाएगा। जो भी समस्या होगी उसका हल जल्द से जल्द कर दिया जाएगा।


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