पीएचसी मैहरी काथला फार्मासिस्ट के हवाले
लोगों को घर द्वार में बेहतर सुविधाओं के हकीकत से कोसों दूर फाइलों में ही दफन हैं। मैहरी काथला के न्यूं गांव में पीएचसी तो खोल दी है लेकिन सुविधाओं के नाम पर कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है। करीब डेढ हजार की आबादी की नब्ज को मात्र एक
संवाद सहयोगी, बम्म : प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मैहरी काथला मूलभूत सुविधा के लिए तरस रहा है। करीब डेढ़ हजार की आबादी की नब्ज फार्मासिस्ट टटोल रहा है। मैहरी काथला के न्यूं गांव में करीब 18 माह पूर्व तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने उद्घाटन किया था। इस पीएचसी से ग्राम पंचायत मैहरी काथला के पल्लियां, कुलवाड़ी, न्यूं, रांगड़ू लुहणु, परनाल, काथला, खसरी, नालटी, जगेड़ी तथान खनोट गांव की करीब 1500 की आबादी लाभान्वित होती है। यहां एक डॉक्टर, फार्मासिस्ट तथा एक चपरासी का पद स्वीकृत है। अरसे से डॉक्टर न होने से फार्मासिस्ट ही लोगों की सेहत देख रहा है। मैहरीं काथला पंचायत के न्यूं गांव में पीएचसी खुले हुए लगभग डेढ़ वर्ष हो गया है।
स्थानीय पंचायत प्रधान कांता शर्मा, अनिल, राजेश, राकेश, अमरनाथ, रमेश धीमान, मुकेश, नितिन, विजय, अंकुश, प्रेमलाल, हंसराज, मनोज, रिशु तथा विपिन का कहना है कि डॉक्टर न होने से परेशानी होती है। पीएचसी खुलने से समस्त पंचायत के लोगों को लाभ मिलने की उम्मीद बंधी थी लेकिन डॉक्टर की तैनाती न होने से लोगों को भराड़ी, लदरौर, या कुठेड़ा के अस्पतालों की दौड़ लगानी पड़ रही है। घर के नजदीक अस्पताल होने के बाद भी लोगों को इसका भरपूर लाभ नहीं मिल पा रहा है। पीएचसी में एक डॉक्टर तथा चपरासी का पद रिक्त है। उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर तथा सदर विधायक सुभाष ठाकुर से जल्द से जल्द पीएचसी में एक डॉक्टर व चपरासी का पद भरने का आग्रह किया है। उधर, सीएमओ प्रकाश दड़ौच का कहना है कि मामला उनके ध्यान में है। सरकार को बिलासपुर में रिक्त चल रहे पदों की सूची भेज दी गई है। शीघ्र ही समस्या का समाधान कर दिया जाएगा।
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