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सदर ब्लॉक अध्यक्ष पद पर पैनल से हटकर हुई नियुक्ति से कांग्रेस में कलह

राजेश्वर ठाकुर बिलासपुर कांग्रेस हाईकमान की ओर से सदर विधानसभा हलके में ब्लॉक का

By JagranEdited By: Published: Fri, 06 Nov 2020 05:54 PM (IST)Updated: Fri, 06 Nov 2020 05:54 PM (IST)
सदर ब्लॉक अध्यक्ष पद पर पैनल से हटकर हुई नियुक्ति से कांग्रेस में कलह
सदर ब्लॉक अध्यक्ष पद पर पैनल से हटकर हुई नियुक्ति से कांग्रेस में कलह

राजेश्वर ठाकुर, बिलासपुर

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कांग्रेस हाईकमान की ओर से सदर विधानसभा हलके में ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर की गई नियुक्ति के विवाद की आग में अब पार्टी झुलसने लगी है। लगभग एक वर्ष तक इस पद पर नियुक्ति के लिए किए जा रहे इंतजार के बाद अचानक एक व्यक्ति की नियुक्ति पर कांग्रेस के हलके से संबंधित कई पूर्व विधायक व कांग्रेस नेताओं की इसमें सहमति नहीं है। हलके से दो बार पैनल में भेजे गए पार्टी में लंबे समय से योगदान दे रहे कांग्रेस के सक्रिय नेताओं को इस पद से दरकिनार करने के कारण ही यह विवाद अब तेज हुआ है। ताजा नियुक्ति के समर्थन में सिर्फ पूर्व विधायक बंबर ठाकुर व उनके समर्थक ही आए हैं। जबकि कांग्रेस कुनबे का एक बडा हिस्सा इसके विरोध में है। ऐसे में दोनों पक्ष इस मसले पर करीब 15 दिन से आमने-सामने हैं।

इस मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ जिला महामंत्री संदीप सांख्यायन ने कहा है कि उनके ध्यान में सिर्फ इतना मामला है कि सदर विस हलके में कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए कुछ सक्रिय योगदान देने वाले नेताओं के नाम का एक पैनल पर्यवेक्षक को दिया गया था और पर्यवेक्षक वीरेंद्र सूद ने मौके पर कहा भी था कि इनमें से ही कोई एक नेता ब्लॉक अध्यक्ष पद पर नियुक्त होगा। अब बताया जा रहा है कि जिस व्यक्ति को सदर विस हलके में इस पद पर नियुक्त किया है उसकी कांग्रेस में सक्रिय पृष्ठभूमि न होने को लेकर नेताओं व कार्यकर्ताओं ने सवाल उठाते हुए हाईकमान को चिट्ठी लिखी है। इससे ज्यादा खुद जिला अध्यक्ष अंजना धीमान बता सकती हैं या फिर पर्यवेक्षक वीरेंद्र सूद।

वहीं वीरेंद्र सूद ने कहा कि यह आरोप गलत है कि पैनल में सिर्फ छह ही लोगों के नाम थे और सातवां नाम गोपनीय था। वह नाम देसराज ठाकुर का था। उन्होंने हाईकमान को भेजा हुआ था, जिस पर मंजूरी मिल गई है। उन्होंने कहा कि नियुक्ति पर कोई विवाद नहीं है।

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पहले जिला अध्यक्ष पद की नियुक्ति के लिए भी लग गया था एक साल

बिलासपुर जिले में कांग्रेस संगठन की हालत पतली है। पहले जिला कांग्रेस अध्यक्ष पद पर नियुक्ति के लिए पार्टी ने इतना समय जाया कर दिया। उसके बाद जाकर अंजना धीमान की नियुक्ति हुई। उनकी नियुक्ति के बाद सदर विस हलके में ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष की नियुक्ति होनी थी। इसके लिए लगभग एक वर्ष का समय पार्टी ने लगा दिया। इससे पहले तेजस्वी शर्मा अध्यक्ष हुआ करते थे। सूत्र बताते हैं कि पार्टी ने इस पद पर नियुक्ति के लिए पहले कांग्रेस के पर्यवेक्षक रमेश चौहान को भेजा। उन्होंने भी पार्टी पैनल बनाया लेकिन उनकी रिपोर्ट पर भी कोई निर्णय नहीं हुआ। इसके बाद मंडी जिले के सुंदरनगर निवासी कांग्रेस नेता वीरेंद्र सूद को पर्यवेक्षक भेजा गया। सूत्रों ने बताया कि उन्होंने बैठक कर छह कांग्रेस नेताओं के नामों का एक पैनल बनाया था और कहा था कि इसमें से ही किसी एक नेता को यह जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। लेकिन अचानक देशराज ठाकुर नामक एक व्यक्ति को इस पद की जिम्मेदारी सौंप दी गई। इसके बाद अब पार्टी में कलह की आग फैल गई है।


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