जांच के शिकंजे में फंसे सीएमओ ने डीसी को जांच अधिकारी बदलने के लिए लिखा पत्र, जानिए पूरा मामला
PPE Kit Purchase Scam जिले में स्वास्थ्य विभाग में हुए पीपीई किट केे नाम पर रेनकोट सप्लाई की धांधली की करीब दो सप्ताह से जारी जांच में नया खुलासा हुआ है।
बिलासपुर, जागरण संवाददाता। जिले में स्वास्थ्य विभाग में हुए पीपीई किट केे नाम पर रेनकोट सप्लाई की धांधली की करीब दो सप्ताह से जारी जांच में नया खुलासा हुआ है। जांच के दायरे में आ रहे जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी नेे सभी को चौंकाते हुए अचानक जिला के डीसी को जांच अधिकारी को बदलने के लिए पत्र लिख दिया है। इसके लिए उन्होंने जांच अधिकारी पर उनसे अच्छा सुलूक नहीं करने के आरोप लगाए।
डीसी राजेश्वर गोयल ने सीएमओ की इस मांग को बेतुका करार देते हुए खारिज कर दिया और जांच अधिकारी एडीएम विनय धीमान को इस मामले की जांच जारी रखने के आदेश दिए। इधर, एडीएम विनय धीमान ने कहा सीएमओ से इस मामले का रिकाॅर्ड मांगा है। रिकाॅर्ड की जांच चल रही है। इससे ज्यादा वह कोई टिप्पणी नहीं कर सकते हैं।
दैनिक जागरण ने इस मामले को प्रमुखता से उजागर किया था। दैनिक जागरण ने इस मामले की पड़ताल में पाया कि सभी स्वा खंडों में विभाग ने पीपीई किटों की जगह पर साधारण रेन कोट सप्लाई कर दिए थे। सबसे पहले खुलासा मार्कंडा ब्लॉक में हुआ था। यहां भेजे गए इन साधारण रेन कोट को डॉक्टरों ने कोरोना सैंपल लेते हुए पहनने से इन्कार कर दिया था। बीएमओ मार्कंडा ने भी इस बारे में स्पष्ट कर दिया कि वे इस तरह की सामग्री जिससे कि डॉक्टरों व स्वास्थय कर्मियों का जीवन खतरे में पडता हो, इस्तेमाल में नहीं ला सकते हैं।
इस मामले में उपायुक्त बिलासपुर राजेश्वर गोयल ने जांच के आदेश दिए। एडीएम विनय धीमान को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया।
इस बीच, विभाग ने जांच के बीच ही ऊना जिले में कथित तौर पर अपनी सरकारी गाडी भेजकर वहां से पीपीई किटें मंगवा लीं और इन्हें रेन कोटों की जगह पर दोबारा से रिप्लेस कर दिया। इस गाड़ी को भी पुलिस महकमे ने नाके पर चेक किया था आैर पाया था कि किटें सरकारी गाड़ी में ऊना से मंगवाई गई हैं। एडीएम ने इस मामले में विभागीय अधिकारियों की ओर से की जा रही तथाकथित लीपापोती को देखते हुए जब जांच का शिकंजा कसा तो सीएमओ बिलासपुर ने अब एडीएम विनय धीमान को बतौर जांच अधिकारी बदलने के लिए डीसी बिलासपुर को पत्र लिख दिया।
डीसी बिलासपुर राजेश्वर गाेयल ने बताया कि सीएमओ जांच के दायरे में हैं। लिहाजा उनके बोलने से जांच अधिकारी नहीं बदला जा सकता है। उन्होंने एडीएम को विस्तृत जांच करके रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है।