Move to Jagran APP

मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में खुले मरीज काउंस¨लग सेंटर

हिमाचल प्रदेश राज्य फार्मेसी काउंसिल का सतत फार्मेसी एजुकेशन (सीपीई) कार्यक्रम रविवार को शिवा कॉलेज चांदपुर में आयोजित हुआ। काउंसिल के इस कार्यक्रम में दो प्रस्ताव पारित किए। इसके साथ तीन विषयों पर विशेषज्ञों ने अपनी राय भी रखी। कार्यक्रम के बाद काउंसिल के अध्यक्ष गोपाल कृष्ण शर्मा ने प्रेसवार्ता में सीपीई कार्यक्रम की जानकारियां साझा की। इस मौके पर बिलासपुर और आस पास के जिलों के 1000 के लगभग फार्मासिस्टों ने हिस्सा लिया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Dec 2018 04:46 PM (IST)Updated: Sun, 16 Dec 2018 04:46 PM (IST)
मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में 
खुले मरीज काउंस¨लग सेंटर
मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में खुले मरीज काउंस¨लग सेंटर

संवाद सहयोगी, बिलासपुर : राज्य फार्मेसी काउंसिल का सतत फार्मेसी एजुकेशन (सीपीई) कार्यक्रम रविवार को शिवा कॉलेज चांदपुर में हुआ। काउंसिल के कार्यक्रम में दो प्रस्ताव पारित किए गए व तीन विषयों पर विशेषज्ञों ने राय भी रखी। काउंसिल के अध्यक्ष गोपाल कृष्ण शर्मा ने प्रेसवार्ता में सीपीई कार्यक्रम की जानकारियां साझा की। इस मौके पर बिलासपुर और आसपास के जिलों के 1000 के लगभग फार्मासिस्ट मौजूद रहे।

loksabha election banner

उन्होंने कहा कि सीपीई कार्यक्रम में दो प्रस्ताव पारित किए गए हैं। पहले प्रस्ताव में सरकार से हर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में मरीज काउंस¨लग केंद्र खोलने व दूसरे में फार्मासिस्टों को 366 जेनेरिक दवाएं लिखने का अधिकार देने की मांग उठाई गई है। उन्होंने कहा कि देश के चार राज्यों में फार्मासिस्टों को यह अधिकार मिला है। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में तीन विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई है। एंटी बॉयोटिक स्टीरॉयडशिप विषय पर डॉ. विनय पंडित, फार्मेको अर्थशास्त्र पर डॉ. अर¨वद व क्षय रोग के विषय पर प्रो. सीपी वर्मा ने फार्मासिस्टों से विचार साझा किए।

उन्होंने कहा कि प्रदेश भर के 9600 फार्मासिस्ट काउंसिल के साथ पंजीकृत हैं। जिला बिलासपुर में यह आंकड़ा 850 है। कई वर्षों से फार्मासिस्ट वार्षिक नवीनीकरण को सरल करने की मांग उठा रहे थे। इसके लिए काउंसिल ने ज्वालामुखी में सितंबर में आयोजित गर्व¨नग बोर्ड मी¨टग में प्रस्ताव पारित कर इसे ऑनलाइन कर दिया है। अब फार्मासिस्ट हर वर्ष नवीनीकरण शुल्क देने के झंझट से बचने के लिए पांच वर्षों का शुल्क एक साथ जमा करवा सकते हैं। इससे पांच वर्ष तक फार्मासिस्ट का स्वयं नवीनीकरण होता रहेगा। इससे फार्मासिस्टों को भारी भरकम जुर्माने से नहीं जूझना पड़ेगा। पांच वर्ष के इस अंतराल में फार्मासिस्ट को दो सीपीई कार्यक्रम में हिस्सा लेना अनिवार्य होगा। वर्तमान में इस को लागू करने के लिए बेवसाइट पर नया प्लेटफार्म तैयार किया है। इससे हर फार्मासिस्ट का सुविधा के अनुसार नवीनीरण करवाने में सहूलियत मिल रही है। इसे क्यूआर कोड आइडेंटी माइग्रेशन कार्ड नाम दिया गया है। यह पांच वर्ष तक वैध होगा। इस मौके पर विनय पंडित चेयरमैन डीआइसी, हेंमत शर्मा मेंबर एचपीएसपीसी, यशवंत ¨सह चंदेल, लोकेश कपूर, राकेश चंदेल, कामेश्वर चौहान, योगेश वर्मा, सुरेंद्र नड्डा उपस्थित रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.