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बल्हसीणा में लंबे समय बाद प्रधान पद अनारक्षित, सामान्य वर्ग सक्रिय

संवाद सहयोगी बरठीं अरसे से बल्हसीणा पंचायत को अनारक्षित करने की इलाके के लोगों की मां

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Dec 2020 05:35 PM (IST)Updated: Sun, 20 Dec 2020 05:35 PM (IST)
बल्हसीणा में लंबे समय बाद प्रधान पद अनारक्षित, सामान्य वर्ग सक्रिय
बल्हसीणा में लंबे समय बाद प्रधान पद अनारक्षित, सामान्य वर्ग सक्रिय

संवाद सहयोगी, बरठीं : अरसे से बल्हसीणा पंचायत को अनारक्षित करने की इलाके के लोगों की मांग इस बार पूरी हुई तो क्षेत्र में इस समुदाय के लोगों में सक्रियता बढ़ गई है। पंचायत के लोग इस बार भी अपनी पंचायत को अनारक्षित करने को लेकर राज्य सरकार को भी पत्र भेज चुके थे और उपायुक्त से भी लिखित में आग्रह कर चुके थे। इसके लिए पंचायत के लोगों ने जनसंख्या के आंकड़ों व अब तक दूसरे आरक्षित वर्गो का मिलते रहे प्रतिनिधित्व का भी हवाला देकर पंचायत को अनारक्षित घोषित करने की मांग उठाई थी।

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इस बार प्रधान पद अनारक्षित होने के कारण पंचायत के हर गांव में सभाओं का दौर शुरू हो गया है। इनमें अनारक्षित वर्ग से प्रधान पद के लिए उपयुक्त उम्मीदवारों का चयन किया जा रहा है। ऐसी ही एक सभा का आयोजन रिटायर डीएसपी सुखदेव सिंह मिन्हास की अध्यक्षता महिला मंडल भवन बल्हसीणा में हुआ। इसमें कप्तान तरसेम सिंह चंदेल को सर्वसम्मति से प्रधान पद के लिए उम्मीदवार बनाने की घोषणा की गई।

इसी क्रम में अब बाकी गांवों में आगामी दिनों में होने वाली बैठकों में भी कुछ और इच्छुक उम्मीदवार आगे आ सकते हैं। लेकिन इलाके के लोगों का कहना है कि इस बार सामान्य वर्ग को सीट आने के कारण प्रतिद्वंदिता करने के बजाए आम सहमति से रास्ता निकाला जा सकता है। क्योंकि इससे पंचायत को आर्थिक तौर पर भी फायदा हो सकेगा। इस पर बातचीत करके सामजस्य बिठाने की कोशिश की जाएगी।

रिटायर डीएसपी सुखदेव सिंह मिन्हास ने बताया कि बल्हसीणा का गठन 2000 में हुआ था और उस समय प्रधान पद की सीट अनारक्षित थी। तदोपरांत 2005 में अनुसूचित जाति महिला 2010 में फिर अनुसूचित जाति महिला और 2015 में महिला के लिए आरक्षित सीट रही। पंचायत में जनसंख्या का अनुपात 14 प्रतिशत अन्य पिछड़ा वर्ग, 48 प्रतिशत से 50 प्रतिशत अनुसूचित जाति और 35 प्रतिशत से 36 प्रतिशत सामान्य वर्ग है।

इसी पंचायत से एक प्रतिनिधिमंडल पिछले दिनों उपायुक्त बिलासपुर से मिला था जिसने उन्हें एक ज्ञापन सौंपा था। इस पर जिला प्रशासन ने संज्ञान भी लिया है और इस बार इस इलाके में सामान्य वर्ग को प्रधान पद की सीट दी गई है।


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