डंगार वार्ड में भाजपा बनाम बाकी में जंग तेज
जागरण संवाददाता बिलासपुर जिला बिलासपुर के घुमारवीं विधानसभा हलके का डंगार वार्ड पर
जागरण संवाददाता, बिलासपुर : जिला बिलासपुर के घुमारवीं विधानसभा हलके का डंगार वार्ड पर भी राजनीतिक दृष्टि से सभी की नजरें हैं। कारण यह है कि यहां से भाजपा व अटल सेना जैसे संगठन के विवाद में पार्टी छोड़ने वाले पूर्व भाजपा नेता जोरावर सिंह पटियाल व उनके सगे भाई वरिष्ठ भाजपा नेता कुलतार पटियाल आमने सामने आ गए हैं। भाजपा ने यहां से कुलतार पटियाल को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। ऐसे में भाजपा को पूरा काडर उनके साथ इस सीट को इस बार फतह करने में दिन-रात एक किए हुए है। तमाम पंचायतों में बूथस्तर पर पार्टी कार्यकत्र्ताओं ने मोर्चा संभाला है।
दूसरी ओर कांग्रेस ने यहां पर किसी को भी उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। कांग्रेस के साथ संबद्ध कई नेता इस चुनाव मैदान में बतौर आजाद प्रत्याशी उतर गए हैं। इनमें प्रमुख तौर पर लंबे समय से सामाजिक व राजनीतिक क्षेत्र में सक्रिय आइडी शर्मा प्रमुख माने जा रहे हैं। इसके अलावा अमी चंद सोनी, कमलदेव राव, प्रकाश चंद आदि भी डंगार वार्ड के इस चुनाव को अपनी उपस्थिति से प्रभावित कर रहे हैं।
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डंगार वार्ड जिला परिषद चुनाव की आहट के दौर से ही चर्चा के केंद्र में चला आ रहा है। कारण यह है कि यहां से सभी लोगों का ध्यान इस बात पर केंद्रित रहा है कि कांग्रेस व भाजपा किसे अपने प्रत्याशी के रूप में उतारेगी। भाजपा की ओर से पहले डुमैहर निवासी मंडल महामंत्री राजेश ठाकुर को दोबारा से उतारने की बात की गई लेकिन उनके नाम पर सहमति न बनने के कारण हलके के विधायक एवं मंत्री राजिंद्र गर्ग की मंजूरी के बाद स्वारा गांव निवासी भाजपा के वरिष्ठ नेता कुलतार पटियाल को पार्टी का प्रत्याशी घोषित कर दिया गया। पिछली बार जिला परिषद के चुनाव में उनके भाई जोरावर सिंह पटियाल ने भाजपा के ही टिकट पर यहां से चुनाव लड़ा था लेकिन यहां कांग्रेस के अमीं चंद सोनी जीत गए थे। वह बाद में जिला परिषद के उपाध्यक्ष भी बने। इस बार सोनी भी चुनाव मैदान में है लेकिन कांग्रेस ने किसी को भी उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। लेकिन कांग्रेस की पृष्ठभूमि वाले आइडी शर्मा का चुनाव लड़ना इस बार चर्चा के केंद्र में है। बताया जा रहा है कि वह किसी एक राजनीतिक विचारधारा को तरजीह देने के बजाए तमाम पार्टी पक्षों से जुड़े हुए लोगों से लगातार संवाद बनाए हुए हैं।
उद्योगपति कमलदेव राव व प्रकाश चंद राव का भी एक क्षेत्र विशेष में खासा प्रभाव है। लेकिन कुलतार पटियाल के साथ भाजपा का काडर मोर्चा संभाले हुए हैं। भाजपा की कामयाबी यहां इस बात पर निर्भर करती है कि वह अपने काडर को कितना बचाकर रखती है। हालांकि इस वार्ड में मंत्री राजिंद्र गर्ग ने कई दिन से खुद मोर्चा संभाला हुआ है। भाजपा को यह भी उम्मीद है कि कांग्रेस पृष्भूमि वाले बाकी कुछ प्रभावशाली उम्मीदवारों के बीच वोट के बंटवारे में उसे फायदा हो सकेगा। जबकि जोरावर सिंह पटियाल अपने बूते ही चुनाव लड़ रहे हैं। पिछली बार भाजपा का काडर साथ होने के बावजूद वह चुनाव हार गए थे।