आउटसोर्स कर्मियों के लिए स्थायी नीति बनाए सरकार : यूनस
संवाद सहयोगी, बिलासपुर : कई वर्ष से विभिन्न विभागों में सेवाएं दे रहे आउटसोर्स कर्मचारियों की सरकार
संवाद सहयोगी, बिलासपुर : कई वर्ष से विभिन्न विभागों में सेवाएं दे रहे आउटसोर्स कर्मचारियों की सरकार शीघ्र सुध ले। आउटसोर्स कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष यूनस अख्तर, उपाध्यक्ष कमलेश तथा महासचिव तृप्ता भाटिया ने कहा कि इस वर्ग के कर्मचारियों के लिए सरकार को स्थाई नीति बनानी चाहिए। उनके मानदेय में पिछले तीन वर्ष से कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। आऊटसोर्स कर्मचारियों को महज 220 रुपये दैनिक वेतन दिया जा रहा है, जो न्यूनतम वेतन से भी बेहद कम है। आउटसोर्स कर्मचारियों से बंधुआ मजदूरों की तरह काम लिया जा रहा है लेकिन न तो प्रशासन और न ही श्रम आयोग का इस ओर कोई ध्यान है। सभी आउटसोर्स कर्मचारी तृतीय श्रेणी के नियमित कर्मचारियों के समान पूरा काम ईमानदारी से कर रहे हैं। समान काम के बदले में समान वेतन तो दूर उन्हें न्यूनतम वेतन भी नहीं दिया जा रहा है। भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में उनके हितों की रक्षा का वादा किया था। भाजपा के सत्ता में आने के बाद जयराम सरकार ने सभी श्रेणियों के कर्मचारियों को लाभांवित किया है लेकिन आऊटसोर्स कर्मचारियों को अभी तक कोई राहत नहीं मिल पाई है। इससे यह वर्ग अपने भविष्य के लिए ¨चतित है। नियमित कर्मचारियों की तर्ज पर आऊटसोर्स कर्मचारियों के भविष्य व दिनोंदिन बढ़ती महंगाई को ध्यान में रखते हुए उनके हित में जल्द से जल्द उचित फैसला लिया जाए। जिस तरह पंजाब व हरियाणा में आऊटसोर्स कर्मचारियों के लिए निर्णायक कदम उठाए गए हैं, उसी तरह हिमाचल में भी इस वर्ग को वित्तीय लाभ दिए जाएं।