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अध्यक्ष पद पर कमलेंद्र तो उपाध्यक्ष पर कौन

नगर परिषद बिलासपुर में अध्यक्ष पद के लिए अगर भाजपा में कोई खीं

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Jan 2021 06:02 AM (IST)Updated: Wed, 13 Jan 2021 06:02 AM (IST)
अध्यक्ष पद पर कमलेंद्र तो उपाध्यक्ष पर कौन
अध्यक्ष पद पर कमलेंद्र तो उपाध्यक्ष पर कौन

राजेश्वर ठाकुर, बिलासपुर

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नगर परिषद बिलासपुर में अध्यक्ष पद के लिए अगर भाजपा में कोई खींचतान न हुई तो कमलेंद्र कश्यप की ताजपोशी होना तय माना जा रहा है। हालांकि अभी तक विधायक सुभाष ठाकुर व भाजपा नेताओं की ओर से ही अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद पर तैनाती के लिए अधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है।

मंगलवार को भी विधायक सुभाष ठाकुर ने प्रेस कांफ्रेंस कर पार्टी की तमाम वार्डों में जीत के लिए शहर के लोगों का आभार व्यक्त किया लेकिन इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं की। सूत्रों ने कहा कि कमलेंद्र कश्यप को रणनीति के तहत भाजपा में लाने वाले पार्टी के नेताओं ने उन्हें जीत के बाद अब राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ दिल्ली में मिलवाने का निर्णय लिया है। माना जा रहा है कि कमलेंद्र की नड्डा से दिल्ली में मुलाकात के बाद ही नगर परिषद अध्यक्ष की ताजपोशी तय होगी। हालांकि पार्टी के सामने उपाध्यक्ष पद पर जीते हुए पार्षदों में से किसी महिला या पुरुष को बैठाने के लिए भी कम चुनौती नहीं होगी। इसके लिए जातिगत संतुलन साधना भी पार्टी के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।

बिलासपुर नगर परिषद क्षेत्र में कमलेंद्र कश्यप कांग्रेस में 35 वर्ष से जमे हुए नेता रहे हैं। उन्होंने कॉलेज स्तर की राजनीति से लेकर कांग्रेस में प्रदेश व जिला स्तर पर कई दायित्व निभाए। दो बार उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के दखल के कारण पार्टी टिकट से वंचित कर दिया गया फिर भी उन्होंने पार्टी नहीं छोड़ी। कांग्रेस के पिछले कार्यकाल में उन्हें पांच वर्ष तक एक नेता की प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से प्रताड़ना झेलनी पड़ी। उन्होंने फिर भी कांग्रेस नहीं छोड़ी। इस बार जब शहर में चुनाव लड़ने की बारी आई तो उन्हें फिर पार्टी के मंच से दरकिनार कर दिया गया। सम्मान में लगातार आ रही कमी के कारण वह कांग्रेस छोड़ने की कोशिश में थे। इस बीच भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ उनका संपर्क हुआ। इसके बाद वह भाजपा में आ गए। पार्टी भी समझ रही थी कि कमलेंद्र के आने से नगर परिषद में सत्ता हासिल करने में विफलताओं को विराम लग जाएगा और हुआ भी वैसे ही। कमलेंद्र कश्यप ने भाजपा के साथ मिलकर शहर में मोर्चा संभाला और पार्टी को सत्ता के सिंहासन के करीब लेकर आ गए। लोग इस इंतजार में हैं कि कब कमलेंद्र को अध्यक्ष पद की कुर्सी पर बिठाने के लिए पार्टी फैसला लेगी। उनके मामले में हालांकि पार्टी को निर्णय करने में ज्यादा समय नहीं लगेगा लेकिन पुरुष को अध्यक्ष पद पर बैठाने के बाद भाजपा के सामने यह चुनौती रहेगी कि अगर संतुलन बनाए रखना है तो किसी महिला को उपाध्यक्ष पद पर बिठाना होगा। महिलाओं में भी जातिगत संतुलन बनाना पार्टी के लिए कठिन चुनौती होगी, क्योंकि वार्ड एक से जीती नरेश देवी इसलिए भी महत्वपूर्ण हो गई हैं क्योंकि उन्होंने कांग्रेस समर्थित पांच वर्ष तक अध्यक्ष पद पर रही सोमा देवी को हराया है।


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