बिलासपुर नगर परिषद का अध्यक्ष पद अनारक्षित, कड़े संघर्ष के आसार
जागरण संवाददाता बिलासपुर जिला बिलासपुर में पांचों स्थानीय निकायों में अध्यक्ष पद पर आरक्षण
जागरण संवाददाता, बिलासपुर : जिला बिलासपुर में पांचों स्थानीय निकायों में अध्यक्ष पद पर आरक्षण रोस्टर तय होने के बाद अब आगामी दिनों में इन पदों पर सियासी संग्राम की तस्वीर काफी साफ होने लगी है।
नगर परिषद बिलासपुर, घुमारवीं, नगर पंचायत शाहतलाई व नयनादेवी में अध्यक्ष पद के लिए नई आरक्षण व्यवस्था में बिलासपुर नगर परिषद के अध्यक्ष पद को अनारक्षित रखा गया है। ऐसे में इस नगर परिषद के अध्यक्ष पद पर इस बार बहुकोणीय व कड़ा संघर्ष होने के आसार हैं। बाकी सभी नगर परिषदों में इस बार अध्यक्ष पद महिलाओं के लिए आरक्षित होने के कारण हालांकि वहां भी कई नए चेहरे सामने आ सकते हैं लेकिन बिलासपुर में नया राजनीतिक परिदृश्य होगा। बिलासपुर से अलग बाकी निकायों में अध्यक्ष पद के लिए लंबे समय से नजरें गड़ाए कई भाजपा व कांग्रेस नेताओं के मनोरथ भी लटक गए हैं।
नगर परिषद बिलासपुर के कार्यकारी अधिकारी अशोक कुमार का कहना है कि अब जिला प्रशासन के साथ मिलकर सभी नगर परिषदों में चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं।
नगर परिषद बिलासपुर में अध्यक्ष पद पर इससे पहले अनुसूचित जाति की महिला सोमा देवी तैनात रही हैं। वह कांग्रेस की नेत्री हैं।
ईओ अशोक कुमार ने बताया कि इस बार बिलासपुर नगर परिषद का अध्यक्ष पद ओपन रखा गया है। इसके लिए कोई भी जातिगत आरक्षण अब नहीं रहा है। अब इस पद पर भाजपा व कांग्रेस नेताओं की नजरें गढ गई हैं। इनमें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के करीबी नरेंद्र पंडित को प्रमुख दावेदार के रूप में माना जा रहा है। हालांकि अभी तक उन्हें इस पद तक पहुंचने की योग्यता हासिल करने यानी वार्ड का चुनाव जीतने के लिए इस बार नया वार्ड चुनना होगा। उनका वार्ड इस बार आरक्षित हो गया है।
भाजपा की ओर से अन्य नेत्री वार्ड नंबर सात से वंदना गौतम है। उनका वार्ड अभी भी ओपन है।
कांग्रेस की ओर से युवा नेता कमलेंद्र कश्यप दावेदार हैं लेकिन उनका वार्ड भी आरक्षित है। उन्हें भी अब नए वार्ड से चुनाव जीतना होगा। कांग्रेस की ओर से सबसे आसानी से पात्रता हासिल किए हुए हैं नवीन ठाकुर। उनका वार्ड अनारक्षित है और वह अध्यक्ष पद की योग्यता वाले सबसे सुरक्षित कांग्रेस नेता हैं। दस नंबर वार्ड से मनोज पिल्लई हैं।
सूत्र बताते हैं कि घुमारवीं नगर परिषद में अध्यक्ष पद के लिए लंबे समय से आरक्षण व्यवस्था को लेकर टकटकी लगाए हुए निवर्तमान अध्यक्ष राकेश चोपड़ा को अध्यक्ष पद आगे के लिए महिला के लिए आरक्षित होने से झटका लगा है। वह भाजपा के नेता हैं लेकिन यहां से भाजपा की नेत्री अश्वनी रतवान की पत्नी प्रोमिला रतवान इस पद के लिए भाजपा की ओर से अपनी पात्रता बनाए हुए हैं। कांग्रेस के श्याम शर्मा को भी नई व्यवस्था से मायूसी हाथ लगी है लेकिन यहां से अगर अनुसूचित जाति की नेत्री रीता सहगल फिर से चुनाव जीतकर आती हैं तो वह फिर से दावेदारी ठोक सकती हैं।
शाहतलाई में भी महिला आरक्षित अध्यक्ष पद है। वहां पर इस पद के लिए इंतजार कर रहे बृज लाल को मायूसी हाथ लगी है। नप नयनादेवी में भी अध्यक्ष पद महिला के लिए आरक्षित है। अब यहां से पुरुष नेताओं के मनोरथ पूरे नहीं हो पाएंगे।