दो दिन बाद हणोगी में मनाली-चंडीगढ़ हाईवे बहाल, स्वारघाट में भी वनवे आवाजाही शुरू
मनाली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग हणोगी माता मंदिर के पास दो दिन बाद बहाल हो गया है। ब्यास के बहाव में मार्ग नाले में तबदील हो गया था।
बिलासपुर/कुल्लू/मंडी, जेएनएन। मनाली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग हणोगी माता मंदिर के पास दो दिन बाद बहाल हो गया है। ब्यास के बहाव में मार्ग नाले में तबदील हो गया था। इस मार्ग पर दो दिन आवाजाही पूरी तरह से बंद रही। दो दिन बाद भी कुल्लू व लाहुल-स्पीति मंडी जिला से जुड़ पाए हैं।
उधर, बिलासपुर से स्वारघाट चंडीगढ़ नेशनल हाईवे को खोलने के लिए आज प्रशासन मुस्तैद दिखा व शाम को मार्ग पर वनवे आवाजाही शुरू हो गई है। मार्ग को पूरी तरह सुचारू करने में चार से पांच दिन का वक़्त लग सकता है। कई जगह सड़क का पता ही नहीं है। वहां दोबारा से सड़क बनानी पड़ रही है। मार्ग वनवे बहाल होते ही फंसे हजारों वाहनों को निकाला जा रहा है। इसके बाद ही बाकी का ट्रैफिक बहाल होगा।
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एक दिन में 450 करोड़ का नुकसान
एक दिन में ही प्रदेश को 450 करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा है। सबसे अधिक नुकसान लोक निर्माण विभाग को झेलना पड़ा है। प्रदेशभर में 50 सड़कें बह गई हैैं, जबकि 878 पर यातायात पूरी तरह से बंद है। लोक निर्माण विभाग के अनुसार शिमला जोन में 403, मंडी जोन में 186, कांगड़ा जोन में 184 और हमीरपुर जोन में 105 सड़कें बंद हैं। इसके बाद सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग को भी काफी नुकसान पहुंचा है। पेयजल आपूर्ति परियोजनाएं पानी की चपेट में आने से लोगों को पानी के लिए भटकना पड़ा। प्रदेशभर में 98 मकान ध्वस्त हो गए। इसमें शिमला और कांगड़ा में 19-19, कुल्लू में 17, चंबा में 16, सोलन में 11,बिलासपुर में 09 सिरमौर में 03, हमीरपुर और किन्नौर में दो-दो मकान ध्वस्त हुए हैं। हिमाचल पथ परिवहन निगम की करीब 1000 बसें फंसी हुई हैैं। सड़कें बाधित होने के कारण लोगों की दिक्कतें बढ़ गईं हैैं और आवागमन प्रभावित हुआ है।