दो डॉक्टर ट्रेनिंग, तीसरा डेपुटेशन पर बिना उपचार लौटे मरीज
सदर विस हलके के महत्वपूर्ण हिस्से इस इलाके के लंबे चौडे ग्रामीण इलाके की जनता जिले में स्वास्थय विभाग की बदइंतजामी का शिकार हो रही है।
संवाद सहयोगी, कुठेड़ा : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कठेड़ा में तैनात तीनों डॉक्टरों को एक साथ बाहर भेज दिया है। इसका खामियाजा लोगों को शुक्रवार दिनभर भुगतना पड़ा। दूरदराज ग्रामीण क्षेत्रों से लोग अस्पताल में इलाज करवाने के लिए पहुंचे थे लेकिन तीनों डॉक्टरों में से एक भी नहीं था। लोगों ने विधायक सुभाष ठाकुर से इस मामले में कार्रवाई करने की मांग की है।
पूर्व कांग्रेस सरकार ने अस्पताल का दर्जा तो बढ़ा दिया था लेकिन डॉक्टरों के पद भरना भूल गई थी। भाजपा सरकार ने यहां एक डॉक्टर की तैनात की, जो करीब एक वर्ष से सेवाएं दे रहा था। इसे भी खंड चिकित्सा अधिकारी अकसर घुमारवीं अस्पताल में सेवाएं देने के लिए बुला लेते थे। डॉक्टरों की कमी के कारण लोगों में अकसर रोष देखने को मिलता था। एक ही डॉक्टर होने से रात्रि व इमरजेंसी में सेवाएं नहीं मिलती थीं। दैनिक जागरण ने भी कई बार अस्पताल में खामियों का उल्लेख किया था। इसके बाद विधायक सुभाष ठाकुर ने इस मामले में सरकार से बात कर दो और डॉक्टरों को हाल ही में यहां पर ज्वाइन करवाया था। इनमें डॉ. स्वाति व डॉ. तनुजा शामिल हैं।
सूत्रों ने बताया बीएमओ ने शुक्रवार को डॉ. अनमोल रत्न को डेपटेशन पर घुमारवीं अस्पताल तैनात कर दिया और दो महिला चिकित्सकों को क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर प्रशिक्षण कार्यक्रम में भेज दिया। हालांकि मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने इस अस्पताल से किसी भी डॉक्टर को डेपुटेशन पर नहीं भेजने के निर्देश दिए थे। दैनिक जागण ने शुक्रवार दोपहर अस्प्ताल का मौका मुआयना किया तो तीनों डॉक्टर मौके पर नहीं थे। अस्पताल पहुंच रहे लोग बिना इलाज करवाए वापस लौट रहे थे। हैरानी की बात है फार्मासिस्ट को भी घुमारवीं अस्पताल में डेपुटेशन पर तैनात कर दिया है।
मंडी जिले के खनोट से इंद्री देवी को सर्दी, जुकाम व बुखार था। वह किराया खर्च करके दवा लेने आई थी लेकिन डॉक्टर न मिलने से वह बिना इलाज करवाए लौट गई। घुमारवीं के तहत धारवाड़ा गांव की रहने वाली लीला देवी को उल्टी दस्त लगे थे। वह भी इलाज करवाने के लिए अस्पताल आई थी लेकिन उसे भी मायूस होकर लौटना पड़ा। कुलवाड़ी गांव की रीना देवी ने कहा उसे बताया गया था अस्पताल में तीन डॉक्टर हैं और कोई न कोई मिल जाएगा। यहां पहुंचने पर एक भी डॉक्टर नहीं था। इस कारण उसे बिना इलाज करवाए लौटना पड़ा।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विनोद चौधरी ने कहा वह व्यवस्था में खलल डालने पर खलल डालने पर खंड चिकित्सा अधिकारी घुमारवीं से जलाबतलब करेंगे।