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पंचायत को तीन हिस्सों में बांटने के प्रस्ताव से मामला फिर उलझने के आसार

विद्या सागर शर्मा कुठेड़ा अनशन पर जाने से पहले कुठेड़ा पंचायत के दो हिस्से करने की मां

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 06:18 PM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 06:18 PM (IST)
पंचायत को तीन हिस्सों में बांटने के प्रस्ताव से मामला फिर उलझने के आसार
पंचायत को तीन हिस्सों में बांटने के प्रस्ताव से मामला फिर उलझने के आसार

विद्या सागर शर्मा, कुठेड़ा

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अनशन पर जाने से पहले कुठेड़ा पंचायत के दो हिस्से करने की मांग कर रहे इलाके के कुछ युवाओं ने अचानक अब पंचायत के तीन हिस्से करने का प्रस्ताव पारित कर दिया है। इससे पहले पंचायत के पुनर्गठन के लिए मसौर व कुठेड़ा दो पंचायतें बनाने का प्रस्ताव भेज चुकी पंचायत के इस नए कदम से अब आगामी दिनों में नया संकट सामने आने वाला है। इससे पहले अब तक कई वर्ष से दो हिस्सों में बांटे जाने की मांग भी सरकार के यहां से ठुकराए जाने पर अब इस नई मांग के पूरा होने को लेकर भी असमंजस व्याप्त हो गया है।

बीडीओ घुमारवीं जीतराम का कहना है कि प्रस्ताव मिल गया है। इसे अगली मंजूरी के लिए सरकार को भेजा जाएगा।

ज्ञात हो कि कुठेड़ा पंचायत अपने आपमें बहुत बड़ी पंचायत है। दो दशक से इस पंचायत को तोड़कर दो हिस्सों में बांटने की मांग लगातार आ रही है। हर पांच वर्ष के बाद पुनर्गठन का मुद्दा उठता है लेकिन इसका हल कोई नहीं निकल पाता है। पांच वर्ष पहले भी इसका प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया था लेकिन कोई मंजूरी नहीं मिली। इस बार भी पंचायत के कुछ वार्डो के सदस्य इस आवाज को बुलंद कर रहे थे लेकिन किसी ने भी आगे आकर पंचायत के जरिए बाकायदा इस बारे में सरकार की ओर से तय वक्त की सीमा में रहकर प्रस्ताव भेजने के लिए पहल नहीं की।

सूत्रों ने बताया कि मसौर गांव निवासी युवाओं ने इस मुद्दे पर कुछ दिन पहले रैली निकाली थी और ज्ञापन भी सौंपा था लेकिन किसी ने सुनवाई नहीं की। इस बीच, युवाओं ने आंदोलन शुरू कर दिया और अनशन पर बैठ गए। जब अनशन पर से उठे तो पंचायत से एक प्रस्ताव पारित करवा दिया गया कि अब इस पंचायत के तीन हिस्से हो जाएं। इसमें एक जोल पलाखीं, दूसरा मसौर और तीसरा कुठेड़ा का प्रस्ताव दिया गया है। सवाल यह उठता है कि जब सरकार चाहे तो दो हिस्से करने में कोई दिक्कत नहीं होगी लेकिन तीन हिस्सों का प्रस्ताव पारित करके एक बार फिर से इस मसले को उलझन में डालने के लिए तैयार कर लिया गया है क्योंकि जोलपलाखीं इलाके को इसमें तकनीकी तौर पर शामिल करना संभव नहीं है क्योंकि उसका कुछ हिस्सा नई गठित पंचायत तयूनखास में शामिल किया हुआ बताया जा रहा है।


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