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फिश रेसिपीज का मजा लेना है तो हिमाचल में पर्यटकों के लिए है ये खास इंतजाम

हिमाचल में पर्यटकों को जल्‍द ही मछली से तैयार व्‍यंजन मिलने लगेंगे इन उत्‍पादों को बनाने के लिए प्रोसेसिंग यूनिटों की स्थापना की गयी है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Thu, 12 Dec 2019 09:55 AM (IST)Updated: Thu, 12 Dec 2019 09:55 AM (IST)
फिश रेसिपीज का मजा लेना है तो हिमाचल में पर्यटकों के लिए है ये खास इंतजाम
फिश रेसिपीज का मजा लेना है तो हिमाचल में पर्यटकों के लिए है ये खास इंतजाम

बिलासपुर, जेएनएन।  हिमाचल प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में अब पर्यटकों को मछली के बने हुए बर्गर, फिंगर चिप्स, अचार, फिश रोल्स आदि बाजार में जल्द ही मिलना शुरू हो जाएंगे। मत्सय विभाग ने अपने दो बड़े जलाशयों में संचालित दो बड़ी सहकारी समीतियों से जुडे़ सैकड़ों  मछुआरों वाली सहकारी समीतियों के अलावा ऐसी ही दूसरी निजी स्तर पर चलाई जा रही सहकारी समीतियों को इन उत्पादों को बनाने के लिए ट्रेंड कर दिया है। दोनों जलाशयों में विभाग ने इन उत्पादों को बनाने के लिए प्रोसेसिंग यूनिटों की स्थापना भी कर दी है।

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मछली से बने उत्पाद इस तरह से तैयार किए जाएंगे कि महीनों तक खराब नहीं होंगे और पर्यटकों के लिए रेडी टू ईट होंगे। विभागीय निदेशक सतपाल मेहता ने बताया कि इस नए प्रयोग को धरातल पर उतारने में कोची स्थित मत्सय विभाग के ही एक अनुसंधान संस्थान के विशेषज्ञों ने मछुआरों को प्रशिक्षण दिया है। इन्होंने ही प्रोसेसिंग यूनिटों की स्थापना की है। मेहता ने बताया कि गोबिंदसागर झील में भाखड़ा खटियाडा व पौंग झील में रतयोड सहकारी समीतियों के अधीन इन प्रोसेसिंग यूनिटों की स्थापना की गई है।

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इससे पहले ऐसा होता था कि पर्यटकों के अलावा आम लोगों को फिश खाने के लिए कांटों की वजह से परेशानी आती थी और फिश के रूचिकर उत्पाद लोगों को नहीं मिल पाते थे। ऐसा भी होता था कि लोगों को आशंका रहती थी कि मछली जल्द ही खराब हो जाने के कारण इसके प्रोडक्टस भी खराब हो जाते हैं, ऐसे में लोग सिर्फ मछली फ्राई करके ही खाते रहे हैं। लेकिन अब इन यूनिटों में एक सौ अस्सी डिग्री माइनस तक के ठंडे तापमान वाले फ्रिजरों में रखने की व्यवस्था की गई है। जल्द ही इनके उत्पादन का काम शुरू हो जाएगा। 

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