Himachal: टैंकर में गोतस्करी करने का आरोपित सहारनपुर से गिरफ्तार, पुलिस को कर रहा था गुमराह, इस तरह आया पकड़ में
Cow Smuggling In Himachal बिलासपुर पुलिस ने गोतस्करी मामले में टैंकर मालिक जाफर अली को सहारनपुर से गिरफ्तार किया। उसने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की थी। जाँच में पता चला कि टैंकर का इस्तेमाल केवल गोतस्करी के लिए किया जाता था ईंधन ढोने के लिए नहीं। 24 जुलाई को स्वारघाट में एक टैंकर पकड़ा गया था जिसमें नौ गोवंश थे

जागरण संवाददाता, बिलासपुर। पेट्रोल व डीजल ढुलाई करने वाले टैंकर में भरकर गो तस्करी करने वाले टैंकर चालक को बिलासपुर पुलिस की एसआइटी ने सहारनपुर से गिरफ्तार किया है। एएसआइ मनोहर लाल के नेतृत्व में गठित तीन सदस्यीय एसआइटी ने उसे सहारनपुर शहर से पकड़ा है।
वहीं मामले में अब इस बात का भी सुलासा हुआ है कि टैंकर चालक जाफर अली निवासी कठुआ जम्मू खुद ही इसे चलाता था और फोन पर उसने पुलिस को गुमराह करने का प्रयास किया था। उसकी यही चालाकी भारी पड़ गई और मोबाइल फोन ट्रेसिंग के आधार पर उसे पकड़ा है। वहीं उसका साथी एवं सह चालक अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।
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आरोपित ने चालक कोई और होने की कही थी बात
जानकारी के मुताबिक 24 जुलाई को स्वारघाट में जिस दिन यह टैंकर पकड़ा गया और चालक व सह चालक मौके से फरार हुए तो पुलिस ने टैंकर पर अंकित नंबर के आधार पर मालिक को फोन किया। पुलिस का फोन आने पर आरोपित जाफर अली ने कहा कि ऐसी घटना के बारे में उसे पता नहीं है। टैंकर का चालक कोई ओर है।
मोबाइल लोकेशन के आधार पर पकड़ा
पुलिस ने उसे बिलासपुर आने को कहा, लेकिन उनसे आनाकानी की। पुलिस ने जब मोबाइल फोन लोकेशन ट्रेस की तो उनकी लोकेशन सहारनपुर की आई। जिस पर एसआइटी ने सहारनपुर में दबिश देकर उसे गिरफ्तार किया है।
गोतस्करी के लिए ही लिया था टैंकर, तेल कभी नहीं भरा
प्रारंभिक तौर पर की गई पूछताछ में यह बात सामने आई है कि गो तस्करी के लिए जिस टैंकर का उपयोग किया गया। कहने और दिखाने को वह पेट्रोल व डीजल ढुलाई वाले टैंकर की तरह माडिफाई किया था, लेकिन असल में इस टैंकर का कभी पेट्रोल व डीजल ढुलाई के लिए उपयोग ही नहीं हुआ था। यह केवल गो तस्करी के लिए ही उपयोग होता था। सोमवार को आरोपित बिलासपुर न्यायालय में पेश किया जाएगा और रिमांड लेकर लेकर पुलिस उससे मामले के बारे में पूछताछ करेगी।
यह था मामला
24 जुलाई को एक्साइज विभाग और स्वारघाट पुलिस की टीम ने कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन पर स्थित गरा बघेरी में नाका लगाया हुआ था। इस दौरान पंजाब की ओर से हिमाचल में प्रदेश आ रहे एक ईंधन टैंकर को दस्तावेज देखने के लिए रोका तो टैंकर में भीतर से गाय के कराहने की आवाज आई। साथ ही गाय के पांव (खुर) की भी आवाजें आईं। इसे देखते ही टैंकर का चालक व सहचालक मौके से फरार हो गया। शक के आधार पर जब जांच की गई तो एचआर-58-डी-4328 नंबर के ट्रक के भीतर नौ गोवंश मिले। जिसमें पांच बैल और तीन गाय सुरक्षित थीं, जबकि एक गाय की मौत हो गई थी।
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टैंकर में पीछे काटकर बनाया गया था दरवाजा
सामान्य तौर पर टैंकरों में प्रवेश का कोई बड़ा स्थान नहीं होता है। इसलिए तस्करों ने पुलिस की आंख में धूल झोंकने के लिए टैंकर को पिछली ओर से काटकर उसमें दरवाजा बनाया था और दरवाजे से ही पशुओं को भरा गया था। वहीं टैंकर के ऊपर के तीनों होल एवं छेदों में एग्जोस्ट फैन लगाए हुए थे, ताकि भीतर भरे जाने वाले पशुओं को सांस आती रहे।
'गोतस्करी के मामले में टैंकर के मालिक को सहारनपुर से गिरफ्तार किया है। मालिक ही टैंकर चला रहा था। बिलासपुर पहुंचने के बाद उसे न्यायालय में पेश किया जाएगा। उसका साथी अभी पुलिस के हाथ नहीं लगा है।'
-संदीव धवल, पुलिस अधीक्षक, बिलासपुर।
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