संघ के दुरुपयोग पर संघ कानूनी कार्रवाई करेगा
हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ (एचजीटीयू) ने यूनियन से छह साल के लिए बर्खास्त किए गए निवर्तमान अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान द्वारा बीते रविवार को संघ के नाम पर शिमला में प्रेसवार्ता करने पर कड़ा संज्ञान लिया है।
संवाद सहयोगी, बिलासपुर : हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ (एचजीटीयू) ने यूनियन से छह साल के लिए बर्खास्त किए गए निवर्तमान अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान द्वारा बीते रविवार को संघ के नाम पर शिमला में प्रेसवार्ता करने पर कड़ा संज्ञान लिया है। चौहान द्वारा राज्य पदाधिकारियों व जिला अध्यक्षों के खिलाफ बयानबाजी करने पर संघ ने कानूनी कार्रवाई अमल में लाने व प्रदेश सरकार तथा शिक्षा विभाग को चौहान के विरुद्ध सर्विस कंडक्ट रूल्स के तहत कार्रवाई करने के लिए कहा है।
संघ के बिलासपुर जिला इकाई अध्यक्ष यशवीर रणौत, महासचिव सुनील ठाकुर, मनोज कुमार घुमारवीं-1 खंड के अध्यक्ष सुनील शर्मा, महासचिव प्रदीप कुमार, वित्त सचिव विशाल रणौत, वरिष्ठ उपाध्यक्ष रमेश चंद, घुमारवीं 2 खंड के अध्यक्ष पवन शर्मा, वित्त सचिव सुभाष कुमार, सदर खंड के अध्यक्ष डॉ. संजीव चंदेल, महासचिव योगेश मंहास, झंडूता खंड के अध्यक्ष गणेश दत्त, महासचिव नरेश धीमान स्वारघाट खंड के अध्यक्ष चिरंजी लाल, महासचिव अजय नाइक व वित्त सचिव वीरेंद्र सिंह ने कहा कि रविवार को शिमला में चौहान ने प्रेस वार्ता कर मुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री कार्यालय पर अनाप-शनाप आरोप लगाकर शिक्षक शालीनता की सारी हदों को पार कर दिया है। संघ के नेताओं ने चौहान पर राज्यस्तरीय चुनावों से भागने व कुछ जिलों के नकारे हुए लोगों का गुट बनाकर शिमला में खुद को स्वयंभू प्रधान घोषित करने को असंवैधानिक बताया और इसके लिए सरकार व विभाग से कंडक्ट रूल्स के तहत कार्रवाई की मांग की।
लाखों की राशि के गबन का आरोप लगाने पर करवाया जाएगा मानहानि मुकदमा
इसके अलावा वीरेंद्र चौहान द्वारा छह जिलाध्यक्षों पर लाखों रुपये की राशि के गबन संबंधी निराधार आरोप लगाने पर एचजीटीयू ने चौहान के खिलाफ मानहानि का मुकद्दमा दर्ज करने का फैसला लिया है। संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि जिस राशि का जिक्र चौहान ने किया है वह शिक्षकों के चंदे की राशि है जिसका सारा लेखा-जोखा अगले तीन साल के आय-व्यय के लिए अभी होना है।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष नरेश महाजन ने बताया कि संगठन की लगभग 33 लाख राशि जो राज्य चुनाव वाले दिन जमा होनी थी उस पर वीरेंद्र चौहान, अरुण गुलेरिया, नरवीर चंदेल, दलेर जम्वाल व इनके द्वारा तैनात जिला चुनाव अधिकारियों द्वारा कुंडली मारना बिल्कुल भी तर्कसंगत नहीं है।