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राजपुरा में स्क्रब टायफस पर लोगों को किया जागरूक

जिला स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के मार्कंड खंड की ओर से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र राजपुरा में वि‌र्श्व स्तनपान दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर लोगों को स्क्रब टायफस की जानकारी प्रदान की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता डा. विवेक शर्मा ने की। डा. विवेक ने कहा कि मां का दूध नवजात शिशु के लिए अमृत समान है। बच्चों को मां का पहला गाढा पीला दूध (कोलोस्ट्रम) सर्वोत्तम आहार है। मां के दूध में सभी प्रकार पोषक तत्व मौजूद होते हैं। मां के दूध में सभी प्रकार की बीमारियों से लड़ने की शक्ति होती है। स्वास्थ्य कार्यकर्ता दीप कुमार ने कहा कि मां के दूध से बच्चों का मानसिक शारीरिक बौद्धिक व भावात्मक विकास होता है। उन्होंने कहा कि बरसात के मौसम में आमतौर पर तेज बुखार से पीड़ित रोगियों की संख्या बढ़

By JagranEdited By: Published: Sat, 03 Aug 2019 03:44 PM (IST)Updated: Sat, 03 Aug 2019 03:44 PM (IST)
राजपुरा में स्क्रब टायफस पर लोगों को किया जागरूक
राजपुरा में स्क्रब टायफस पर लोगों को किया जागरूक

संवाद सहयोगी, बिलासपुर : जिला स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के मार्कड खंड की ओर से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र राजपुरा में विश्व स्तनपान दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर लोगों को स्क्रब टायफस की जानकारी दी गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. विवेक शर्मा ने की। डॉ. विवेक ने कहा कि मां का दूध नवजात शिशु के लिए अमृत समान है। बच्चों को मां का पहला गाढ़ा पीला दूध (कोलोस्ट्रम) सर्वोत्तम आहार है। मां के दूध में सभी पोषक तत्व मौजूद होते हैं। मां के दूध में सभी बीमारियों से लड़ने की शक्ति होती है। स्वास्थ्य कार्यकर्ता दीप कुमार ने कहा कि मां के दूध से बच्चों का मानसिक, शारीरिक, बौद्धिक व भावात्मक विकास होता है।

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उन्होंने कहा कि बरसात के मौसम में आमतौर पर तेज बुखार से पीड़ित रोगियों की संख्या बढ़ जाती है। यह बुखार स्क्रब टायफस भी हो सकता है। यह रोग एक जीवाणु विशेष यरिकेटशिया से संक्रंमित माइट के काटने से फैलता है जो खेतों, झाड़ियों व घास में रहने वाले चूहों में पनपता है। यह जीवाणु चमड़ी के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है। इस बुखार के लक्षण तेज बुखार, जोड़ों में दर्द व कंपकपीं के साथ बुखार, शरीर में ऐंठन, अकड़न या शरीर टूटा हुआ लगना, अधिक संक्रमण में गर्दन, बाजुओं के नीचे, कुल्हों के उपर गिल्टियां होना इत्यादि है।

इस रोग की रोकथाम के लिए लोग शरीर की सफाई का ध्यान रखें तथा घर तथा आसपास के वातावरण को साफ रखें। घर के चारों ओर घास खरपतवार नहीं उगने दें। इस अवसर पर उप स्वास्थ्य केंद्र कुनाला से शीला चौहान, विमला व आशा वर्कर मौजूद रहे।

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