स्वास्थ्य मंत्री ने डियारा सेक्टर में स्थिति का लिया जायजा
संवाद सहयोगी, बिलासपुर : बिलासपुर शहर में डेंगू के प्रकोप से हड़कंप मचा हुआ है। कुछ
संवाद सहयोगी, बिलासपुर : बिलासपुर शहर में डेंगू के प्रकोप से हड़कंप मचा हुआ है। कुछ दिन पहले दिल्ली व शिमला से आई टीमें शहर का दौरा कर लौट गई तो रविवार को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री विपिन परमार स्थिति का जायजा लेने के लिए बिलासपुर पहुंचे। उन्होंने सदर विधायक सुभाष ठाकुर, जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर व डियारा सेक्टर का दौरा किया। उन्होंने अस्पताल के विभिन्न वार्डों में जाकर मरीजों का कुशलक्षेम पूछा तथा डियारा सेक्टर में डेंगू की चपेट में आए मरीजों के घरों में जाकर उनका हाल जाना। उन्होंने सेक्टर के घरों व नालियों का स्वयं निरीक्षण किया तथा सफाई व्यवस्था का जायजा लिया। स्वास्थ्य मंत्री ने स्थिति से निपटने के लिए लोगों से खुद ही अपने आसपास सफाई रखने का आह्वान किया।
सुबह करीब साढ़े 11 बजे स्वास्थ्य मंत्री विपिन ¨सह स्थानीय परिधि गृह पहुंचे। यहां जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ कुछ देर वार्ता की और जिला में अनियंत्रित हुए डेंगू के संदर्भ में वस्तुस्थिति के बारे में जानकारी ली। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री प्रशासनिक अधिकारियों के साथ क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर गए। उन्होंने डेंगू से ग्रस्त मरीजों से बातचीत करके उनसे उनका हाल जाना तथा तिमारदारों से चिकित्सा विभाग द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यापक जानकारी हासिल की। यहां से स्वास्थ्य मंत्री का काफिला शहर के डियारा सेक्टर में पहुंचा। जहां नगर परिषद अध्यक्ष व अधिकारियों सहित वार्ड सदस्यों के साथ वार्ड आठ, नौ व 10 का दौरा किया गया। पूर्व में डेंगू से ग्रस्त मरीजों और उनके परिवारजनों से उनका हाल-चाल जाना। स्वास्थ्य मंत्री उस घर में भी गए, जहां डेंगू का पहला मरीज सामने आया था। इस दौरान उपायुक्त विवेक भाटिया, एडीएम विनय कुमार, एसडीएम सदर प्रियंका वर्मा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. बीके चौधरी, चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश आहलूवालिया, एमओएच डॉ. प्र¨वद्र ¨सह, डॉ. ऋषि टंडन, नगर परिषद अध्यक्षा सोमा देवी, वार्ड पार्षद विमला देवी, माया देवी, नवीन वर्मा, नंदलाल राही, नरेंद्र पंडित व मनोज पिल्लई सहित स्वास्थ्य विभाग व नगर परिषद के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।
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स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व कर्मचारी डेंगू को नियंत्रित करने के लिए ईमानदारी से अपना कार्य कर रहे हैं। इसका परिणाम है कि डेंगू की चपेट में आए मरीज को आइजीएमसी शिमला, टांडा या पीजीआइ चंडीगढ़ के लिए रेफर नहीं करना पड़ा है। प्रदेश व केंद्र सरकार द्वारा इनके निदान के लिए जो भी आवश्यक दवाएं और उपकरण होंगे, उन्हें उपलब्ध करवाया जाएगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी स्वयं स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।
--विपिन ¨सह परमार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री।