स्वारघाट क्षेत्र में दहक रहे जंगल
संवाद सहयोगी, स्वारघाट : स्वारघाट के आसपास के जंगलों में आग लगने का सिलसिला थमने का नाम न
संवाद सहयोगी, स्वारघाट : स्वारघाट के आसपास के जंगलों में आग लगने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है क्षेत्र के अधिकतर जंगल आग की भेंट चढ़ चुके हैं। इससे क्षेत्र में गर्मी का प्रकोप भी बढ़ गया है। सबसे पहले स्वारघाट के साथ ओखु का जंगल आग की भेंट चढ़ा। उसके बाद आग लगने का सिलसिला रूका नहीं है। खास चम्बा जंगल तीन बार आग की भेंट चढ़ा है। बसाड़, मुंडखर, स्वारघाट, पंजपीरी जंगल और अब वीरवार देर रात को बनेर और तनबोल जंगल आग की भेंट चढ़ गए। जंगलों की आग की वजह से जहां सारे क्षेत्र में धुआं फैला है वहीं वन्य जीव भी दावानल की चपेट में आए हैं। हालांकि वन विभाग आग से निपटने के लिए दिन-रात मुस्तैद है लेकिन सभी जंगलो में से निकाली जा चुकी सड़कें कहीं न कहीं आग लगने की भी एक वजह है। कोई न कोई वाहन चालक बीड़ी या सिगरेट पीकर सड़क किनारे फेंक देता है जो जंगल दहक उठते हैं। वन विभाग की हिदायतों को कुछ शरारती तत्व नजरअंदाज कर रहे हैं। बनेर तनबोल के जंगल में लगी आग से लाखों की वन संपदा स्वाह हो गई है। हालांकि वन विभाग व स्थानीय लोगों ने आग पर काबू पाने की हरसंभव प्रयास किए लेकिन उनकी कोशिशें भी नाकाम रही।
उधर, स्वारघाट बीट के बीओ पवन कुमार व गलोट बीट के बीओ नंदलाल ने बताया कि वन विभाग जंगलों को आग से बचाने का हरसंभव प्रयास कर रहा है। इसमें क्षेत्र के लोग भी सहयोग कर रहे हैं। जंगलों से निकली सड़कों पर कुछ लापरवाह लोग गाड़ी से बीडी व सिगरेट सड़क किनारे फेंक जाते हैं, जो जंगल में आग का कारण बन रहे है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि वे आग बुझाने में व जंगलों को बचाने के लिए वन विभाग का सहयोग करें।