दहकने लगे जंगल, मिट रही संपदा
गर्मी का मौसम शुरू होते ही उपमंडल घुमारवीं के जंगलों में वन संपदा राख होना शुरू हो गई है।
संवाद सहयोगी, घुमारवीं : गर्मी का मौसम शुरू होते ही उपमंडल घुमारवीं के जंगलों में वन संपदा और जीव जंतु लोगों के स्वार्थ का शिकार होने शुरू हो गए हैं। इस क्षेत्र में जंगल दहकने लगे हैं। इससे वन संपदा को नुकसान हो रहा है। वहीं, वन विभाग विवश होकर जंगलों को जलते हुए देख रहा है।
वन विभाग दावा कर रहा है कि वन संपदा को कोई खास नुकसान नहीं हुआ है। जंगल में आग लगना वैसे तो सामान्य घटना है परंतु यह मानव जनित नहीं होनी चाहिए। जिस तरह अभी तक गर्मी का प्रकोप शुरू नहीं हुआ है, उससे जंगलों में जितनी भी आग लगना शुरू हुई है, इसे मानव जनित ही कहा जा सकता है। वैसे भी इंसानी भूल के कारण जंगलों में आग ज्यादा लगती है। इसलिए इस आग पर काबू पाना मुश्किल हो जाता है। हैरत यह है कि कुछ लोगों की ओर से वनों में आग लगाने की वन विभाग को भनक नहीं लग पा रही है। इससे पूरे क्षेत्र में वन संपदा लगातार कम होती जा रही है। इस वर्ष तो गर्मी ने अभी तेवर दिखाना शुरू भी नहीं किए हैं परंतु जंगलों में आग लगने का नया कीर्तिमान स्थापित होने जा रहा है। पिछले एक महीने में ही क्षेत्र के लगभग पांच जंगलों में आग लग चुकी है। इस कारण बिलासपुर जिला में बंदला धार, घुमारवीं उपमंडल में थलोट्टू तथा अमरपुर के जंगल धधक चुके हैं। आग से वन संपदा के साथ जीव जंतुओं को भी नुकसान झेलना पड़ रहा है।
---------------- वन विभाग ने गर्मियां शुरू होते ही लोगों से आग्रह किया था कि वन संपदा को कोई नुकसान न पहुंचाए। जंगलों में घास के लिए हर साल लोग लाखों की वन संपदा को राख कर देते हैं। आग लगाने वाला कोई व्यक्ति पकड़ में नहीं आता है।
-देशराज, डिप्टी रेंजर, वन विभाग, घुमारवीं)