काथला गांव में लोगों के घरों में दूषित पानी की सप्लाई
मैहरीं काथला पंचायत के तहत काथला गांव में सड़क से होकर जाने वाली पेयजल पाइप लाइन टूटने से स्थानीय लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। पिछले लगभग तीन महीनों से पेयजल पाइप लाइन टूटी हुई है। इसको लेकर कई बार विभागीय कर्मचारियों को अवगत करवाया गया लेकिन झूठे आश्वासन के चलते
संवाद सहयोगी, बम्म : मैहरीं काथला पंचायत के तहत काथला गांव में सड़क से होकर जाने वाली पेयजल पाइप लाइन टूटने से स्थानीय लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। यहां लगभग तीन माह से पेयजल पाइप लाइन टूटी हुई है। इस संबंध में कई बार विभागीय कर्मचारियों को अवगत करवाया गया लेकिन झूठे आश्वासन के कारण अभी तक काम नहीं किया गया। गांव के लगभग 12 के करीब परिवारों को टूटी हुई पेयजल पाइप लाइन से पानी की सुविधा मिल रही है। इससे पहले भी यह पाइप लाइन टूटी थी जिसको रिपेयर किया गया था लेकिन अब दोबारा यह पाइप लाइन टूट गई है।
स्थानीय लोगों में जीतराम, संतोखा राम, विद्या देवी, इंद्र, बलिराम, रसना, प्रेम सिंह, हुकम, मदन, कमला देवी, नंदू व गोपाल आदि ने बताया कि पेयजल पाइप लाइन काफी वर्ष पुरानी है जिसको बदलने की आवश्यकता है। ऐसे में इसे रिपेयर कर छोड़ दिया जाता है तथा गाड़ियों के आवागमन पर यह फिर टूट जाती है। सबसे बड़ी परेशानी लोगों में यह बनी हुई है कि जिस जगह पर पाइप लाइन टूटी है वहां पानी एक गड्ढे में एकत्रित हो रहा है तथा वही एकत्रित पानी बेसहारा पशु, कुत्ते, पक्षियों के पीने के साथ-साथ गाड़ियों के टायर, गोबर व मिट्टी से दूषित पानी पाइप लाइन से होकर लोगों के नलों तक पहुंच रहा है। ऐसे में लोगों ने पानी पीना तो दूर, दूसरे कामों में इस्तेमाल करना भी बंद कर दिया है।
स्थानीय लोगों ने विभाग को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि अनजाने में जिस किसी व्यक्ति ने यह पानी पिया और उसे किसी तरह की बीमारी होती है तो उसका जिम्मेवार आइपीएच विभाग होगा। क्योंकि काफी दिन तक टूटी पेयजल पाइप लाइन का पानी पक्षियों और आवारा कुत्तों के पीने के बावजूद अनजाने में स्थानीय लोगों द्वारा इस्तेमाल किया गया है।
-----------------
स्थानीय लोगों की समस्या गंभीर है लेकिन उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। लोगों से अपील है कि समस्या को जेई या उच्च विभागीय अधिकारी को जरूर बताया जाए ताकि समय रहते निपटारा किया जा सके। जल्दी समस्या को सुलझा दिया जाएगा।
-आशीष कुमार, एसडीओ, जल शक्ति विभाग।