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निजी बस ऑपरेटरों से न लिया जाए ग्रीन टैक्स

को लेकर बुधवार को परिवहन मंत्री गो¨वद ¨सह ठाकुर से परिधि गृह बिलासपुर में मिला। ऑपरेटरों ने युनियन के प्रधान राजेश पटियाल की अध्यक्षता में अपनी मांगें परिवहन मंत्री के समक्ष रखी। मांग पत्र के माध्यम से युनियन के पदाधिकारियों ने कहा कि क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी का पद करीब एक वर्ष से रिक्त चला है। इसके चलते अधीक्षक के पास इसका अतिरिक्त कार्यभार है। लेकिन अधीक्षक के अन्य बैठकों व चै¨कग

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Nov 2018 05:26 PM (IST)Updated: Wed, 21 Nov 2018 05:26 PM (IST)
निजी बस ऑपरेटरों से न लिया जाए ग्रीन टैक्स
निजी बस ऑपरेटरों से न लिया जाए ग्रीन टैक्स

जागरण टीम, बिलासपुर/घुमारवीं : निजी बस ऑपरेटर यूनियन जिला बिलासपुर इकाई का प्रतिनिधिमंडल मांगों को लेकर परिवहन मंत्री गो¨वद ¨सह ठाकुर से परिधि गृह बिलासपुर में मिला। ऑपरेटरों ने यूनियन के प्रधान राजेश पटियाल की अध्यक्षता में मांगें परिवहन मंत्री के समक्ष रखीं। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी का पद करीब एक वर्ष से रिक्त है। इसके चलते अधीक्षक के पास इसका अतिरिक्त कार्यभार है। अधीक्षक के अन्य बैठकों व चै¨कग में व्यस्त होने के चलते कार्यालय का काम समय अनुसार नहीं हो पाता है। इसके अलावा यूनियन ने मांग उठाई कि ग्रीन टैक्स को समाप्त किया जाए। उन्हें 2000 रुपये ग्रीन टैक्स देना पड़ता है। निजी बस ऑपरेटर पहले ही काफी टैक्स देते हैं। इस दौरान निजी बस आपरेटरों ने बसों की रिप्लेसमेंट अवधि बढ़ाकर 12 साल करने की भी मांग की। ऑपरेटरों ने कहा कि जिला भर में लगभग 300 के करीब ऑपरेटर हैं, जिनका आरटीओ कार्यालय में कार्यों के चलते आना-जाना लगा रहता है, लेकिन वहां पर बैठने की उचित व्यवस्था न होने के कारण ऑपरेटरों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। निजी बस ऑपरेटरों ने आरटीओ कार्यालय में बैठने के लिए उचित व्यवस्था की मांग भी मंत्री के समक्ष रखी है। राजेश पटियाल ने कहा कि जिन सड़कों पर पूरा दिन कोई भी बस सुविधा नहीं है उन रूटों पर निगम की खड़ी बसों को चलाया जाए, ताकि लोगों को आने जाने की सुविधा मिल सके। प्रतिस्पर्धा में प्राइवेट बसों के साथ एचआरटीसी की बसों के रूट चलाए जा रहे हैं, जिससे प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है। इससे हादसे होने का भी खतरा बना रहता है। सभी ऑपरेटरों ने मांग की है कि हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों के रूट प्राइवेट बसों के आगे-पीछे न डालने के बजाय उन सड़कों पर चलाया जाए जहां लोगों को बस सुविधा की जरूरत है।

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